Dumka: धनबाद के ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद की बुधवार की सुबह मार्निंग वॉक के दौरान ऑटो से धक्का लगने के बाद मौत हो गई. हालांकि हादसे या हत्या के इस मामले की जांच अभी हो रही है. मामले में दुमका कोर्ट परिसर में न्यायिक पदाधिकारियों ने दो मिनट का मौन रखा और दिवंगत की आत्मा के शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. साथ ही इस दुःख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार को ढांढस बांधते हुए हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया. शोक सभा प्रभारी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तौफिकुल हसन के नेतृत्व में कोर्ट परिसर में आयोजित हुई. न्यायिक पदाधिकारियों ने घटना की भर्त्सना करते हुए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर की है.
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न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा पुख्ता करने की मांग
सरकार से न्यायिक पदाधिकारियों के सुरक्षा व्यवस्था के लिए उचित कदम उठाने की मांग करते हुए कहा कि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृति न हो उसके लिए समुचित कदम उठाये. पूरे घटना की निष्पक्ष जांच कराने एवं षड्यंत्रकारियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की गयी है. दुमका में पूर्व में भी न्यायिक पदाधिकारियों पर हमले की कोशिश हो चुकी है. कुछ माह पूर्व ही दुमका के जजेज कालोनी में एक अपराधी न्यायिक पदाधिकारी पर हमले की नियत से घुस गया था. मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी और गिरफ्तारी भी हुई थी. न्यायिक पदाधिकारियों ने कहा कि उनके कार्य एवं दायित्व ऐसे हैं कि हर समय खतरा बना रहता है. लिहाजा सरकार को पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के लिए कदम उठाने की जरूरत है.
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दिवंगत जज के सम्मान में शोक सभा आयोजित
इस अवसर पर कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार पाठक, जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय पवन कुमार, जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय लक्ष्मण प्रसाद, सीजेएम सुरज प्रकाश ठाकुर, एसीजेएम निशांत कुमार, एसडीजेएम जितेंद्र राम, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी विजय कुमार यादव, प्रशिक्षु न्यायिक दंडाधिकारी सार्थक शर्मा, विवेक राज, सुरेश उरांव एवं शैलेन्द्र कुमार नापित उपस्थित थे.
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