Ranchi : झारखण्ड हाईकोर्ट ने अपर बाजार के भवनों को तोड़े जाने से सम्बंधित नोटिस पर रोक लगाने का आदेश दिया है. यह रोक तब तक लगायी गयी है जब तक उचित फोरम में अपील की व्यवस्था नहीं हो जाती. साथ ही कोर्ट ने रांची एसएसपी को अपर बाजार में सुगम यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने अपर बाजार में पार्किंग ज़ोन बनाने और नो पार्किंग ज़ोन बनाने का निर्देश दिया है.
इसे भी पढ़ें – आपकी जीत हमारी सरकारों के आंख व कान खोलने का काम करेगी
हम सिर्फ झारखण्ड की भलाई के लिए सोच रहे हैं
हाईकोर्ट में अतिक्रमण हटाये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि हम सिर्फ झारखण्ड की भलाई के लिए सोच रहे हैं. नगर निगम कानून सम्मत कार्रवाई करें. लेकिन अगर किसी का घर तोड़ने की परिस्थिति आ रही है तो सभी तथ्यों की गहनता से जांच कर लें. कोर्ट ने कहा कि नैसर्गिक न्याय का ख्याल रखना बेहद जरूरी है.
इसे भी पढ़ें – रांची : BAU कर्मचारी से दिनदहाड़े 3.40 लाख की लूट, बाइक पर सवार थे अपराधी
जनहित याचिका में चैंबर की ओर से हस्तक्षेप याचिका भी दायर की गई है.
चैंबर की ओर से पक्ष रख रहे वरीय अधिवक्ता अनिल सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि रांची नगर निगम की कार्रवाई नियमों के खिलाफ की जा रही है. निगम हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर भवनों और घरों को तोड़ने का नोटिस दे रहा है. हाईकोर्ट ने इसपर नाराज़गी जाहिर करते हुए नगर निगम का पक्ष रख रहे अधिवक्ता एल सी ए शाहदेव से पूछा कि क्या हमने भवन तोड़ने का आदेश दिया है ? हमारे आदेश का हवाला देकर नोटिस क्यों भेजा जा रहा है ? नगर निगम को हाईकोर्ट के आदेश की बैसाखी की जरूरत क्यों पड़ रही है ?.
इसे भी पढ़ें – सेवा सदन तोड़ने के आदेश पर HC ने लगायी रोक, कहा – घर तोड़ने से पहले तथ्यों को खंगालें
रोड पार्किंग के लिए नहीं है.गाड़ियों के आवागमन के लिए है- हाईकोर्ट
जिसपर नगर विकास विभाग के सचिव ने अदालत को आश्वस्त कराया कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा. इसके साथ ही अदालत ने रांची एसएसपी से पूछा कि अपर बाजार का ट्रैफिक क्यों नहीं कंट्रोल हो रहा है. जिसपर एसएसपी ने बताया कि ट्रैफिक कंट्रोल के लिए कार्य किया जा रहा है. अदालत ने कहा कि रोड पार्किंग के लिए नहीं है.गाड़ियों के आवागमन के लिए है.
इसे भी पढ़ें – Birthday Special : अजय देवगन से पहले इस एक्टर को दिल दे बैठी थी काजोल, पार्टियों में भी करती थी पीछा
चैंबर के कितने सदस्य हैं और उनके पास कितनी गाड़िया हैं – हाईकोर्ट
इस जनहित याचिका पर सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई. राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार, नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एल सी एन शाहदेव ने पक्ष रखा. नगर विकास सचिव विनय चौबे भी सुनवाई के दौरान वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे. चैंबर की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल सिन्हा और सुमित गड़ोदिया ने अदालत में अपना पक्ष रखा. और भवन तोड़े जाने के नोटिस का पुरजोर विरोध किया. नगर निगम द्वारा की जा रही कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग अदालत से की गई है. साथ ही कोर्ट ने चैंबर से यह जानकारी मांगी है कि चैंबर के कितने सदस्य हैं और उनके पास कितनी गाड़िया हैं. और कहां पार्क करते हैं.
इसे भी पढ़ें – NIA ने किया उजागर, जम्मू-कश्मीर में आईएस संस्थाओं को पैसे भेज रहा है केरल का PRO आईएस मॉड्यूल