LagatarDesk: PM मोदी ने देश में एथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4573 करोड़ रुपये की ब्याज माफी की योजना पेश की है. इस नये स्कीम से बड़े और छोटे सभी उद्योगों को राहत मिलेगी. बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस नयी स्कीम को लागू करने का निर्णय लिया गया. इसकी जानकारी केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी. उन्होंने बताया कि एथेनॉल के उत्पादन को बढ़ाने और ज्यादा चीनी उत्पादन से जो समस्या होती है, उसका हल निकला जा सके, इसके लिए सरकार ने नयी योजना की घोषणा की है.
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क्या है यह नयी योजना
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार ने साल 2022 तक पेट्रोल में 10 फीसदी एथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य रखा है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने एक नयी स्कीम को मंजूरी दे दी है. इसके तहत उनको ब्याज माफी दी जायेगी जो अनाज आधारित डिस्टिलरी का विस्तार एथेनॉल के उत्पादन के लिए करेंगे. इस तरह के उद्योगों को दी गयी 5 साल तक लोन का 6 फीसदी का ब्याज या बैंक द्वारा दिये गये लोन का 50 फीसदी जो भी कम होगा, उसका वहन सरकार करेगी. इसके साथ ही सरकार 1 साल का Moratorium भी देगी. यह उन उद्योगों को दी जायेगी, जो अपने उत्पादन का 75 फीसदी एथेनॉल को पेट्रोल के सम्मिश्रण के लिए देंगे. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि शुगर बनाने में जो शीरा बेकार होता है, उससे ही एथेनॉल बनता है. अटल सरकार ने पेट्रोल में एथेनॉल सम्मिश्रण की योजना के इस्तेमाल की योजना शुरू की थी.
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40 हजार करोड़ का नया निवेश होगा
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार का आयात में खर्च कम हो और किसानों की आमदनी बढ़े, इसके लिए मोदी सरकार लगातार कदम उठाती रही है. 2019-20 में 173 करोड़ लीटर एथेनॉल की खरीद की गयी थी. इसको आने वाले दिनों में 1000 करोड़ लीटर तक करने का प्रयास सरकार लगातार कर रही है और करेगी. लोग नई डिस्टिलरी लगायेंगे, उसमें 6 फीसदी इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम को मंजूरी सरकार ने दे दी है.
इस नयी स्कीम से 40 हजार करोड़ रुपये का नया निवेश होगा और क्षमता बढ़कर 1750 करोड़ लीटर हो जायेंगी. सरकार इस एथेनॉल को उत्पादकों से खरीदेगी. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 2013-14 में सरकार ने 1500 करोड़ रुपये का एथेनॉल खरीदा था, जो आज के मूल्याकंन के हिसाब से करीब 9169 करोड़ रुपये होगा. चावल और मक्का से भी एथेनॉल का उत्पादन किया जायेगा.
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ऐसे बनता है एथेनॉल
एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है, लेकिन शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है. इससे खेती और पर्यावरण दोनों को फायदा होता है. भारतीय परिपेक्ष्य में देखा जाये तो एथेनॉल ऊर्जा का अक्षय स्रोत भी है क्योंकि भारत में गन्ने की फसल की कमी कभी नहीं होती.
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क्या हैं एथेनॉल के फायदे
एथेनॉल के इस्तेमाल से 35 फीसदी कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन होता है. यह सल्फर डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन को भी कम करता है. एथेनॉल में 35 फीसदी ऑक्सीजन होता है. एथेनॉल फ्यूल को इस्तेमाल करने से नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आती है.
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एथेनॉल फ्यूल क्यों हैं जरूरी
एथेनॉल इको-फ्रैंडली फ्यूल है और पर्यावरण को जीवाश्म ईंधन से होने वाले खतरों से सुरक्षित रखता है. यह इंजन की गर्मी को भी बाहर निकलता है एथेनॉल फ्यूल हमारे पर्यावरण और गाड़ियों के लिए सुरक्षित है.
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