Ranchi: चतरा जिले स्थित मगध अम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग मामले की जांच एनआईए कर रही है. इस मामले में एनआईए ने टीपीसी के उग्रवादी और उसके सहयोगियों के ऊपर मामला भी दर्ज किया है. इन लोगों के कई वाहनों को एनआईए के द्वारा ब्लैकलिस्टेड किया था.एनआईए के द्वारा ब्लैकलिस्टेड वाहनों को सीसीएल के मिलीभगत से कोल परियोजनाओं में चलाया जा रहा है.
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जानें किन वाहनों को एनआईए ने किया था ब्लैकलिस्टेड
एनआईए ने जिन लोगों के वाहन को ब्लैकलिस्टेड किया था, उनमें विनोद राणा, पारस कुमार साव, पंकज साव, अमन भोक्ता, जनता भोक्ता, संतोष भोक्ता, उमेश यादव, सुबोध कुमार साव, हुलास उमेश, सुभान मियां, छोटू सिंह और अर्जुन गंझू का नाम शामिल है.
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मगध और आम्रपाली कोल परियोजनाओं में टेरर फंडिंग की जांच कर रही है एनआईए
चतरा जिला के टंडवा प्रखंड में स्थित मगध और आम्रपाली कोल परियोजनाओं पर टेरर फंडिंग के आरोप लगे थे. टंडवा थाना में साल 2018 में एक केस दर्ज किया गया था. जिसे बाद में एनआइए ने टेकओवर कर लिया है. जांच शुरू की, तो मालूम हुआ कि सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल), चतरा जिला की स्थानीय पुलिस, उग्रवादी संगठन और शांति समिति की मिलीभगत से लेवी वसूली का एक गिरोह संचालित हो रहा है.
एनआइए ने सीसीएल के एक कर्मचारी सुभान खान सहित 14 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की. इसमें एनआइए ने बताया कि उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को लेवी देने के लिए ऊंची दर पर मगध व आम्रपाली कोल परियोजना से कोयला ढुलाई का ठेका लिया गया. टीएसपीसी के उग्रवादी आक्रमण जी की अनुशंसा पर ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह को ठेका मिला. ट्रांसपोर्टेशन से मिलने वाली राशि का एक बड़ा हिस्सा टीएसपीसी को मिलता था. इस मामले में एनआईए ने टीपीसी के उग्रवादी और उसके सहयोगियों के ऊपर मामला भी दर्ज किया था.
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