LagatarDesk : कोरोना महामारी का खतरा अभी तक टला नहीं है. गृह मंत्रालय के एक पैनल ने पीएमओ को रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कोरोना के अक्टूबर में पीक पर होने की आशंका जतायी गयी है. इस दौरान बच्चों को ज्यादा सावधान रहने की बात कही गयी है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट (NIDM) यह चेतावनी दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों पर इसका असर ज्यादा होगा या कम. इस बात का पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिला है. हालांकि वायरस के फैलने से बच्चों में खतरा बढ़ सकता है. क्योंकि बच्चों का वैक्सीनेशन अबतक नहीं हुआ है. बता दें कि कई स्टडीज में तीसरी लहर की संभावना की बात कही गयी है.
बीमार और विकलांग बच्चों को कराना होगा वैक्सीनेशन
रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर रूप से बीमार और विकलांग बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन पर विशेष ध्यान देना होगा. हालांकि बच्चों में वैक्सीनेशन के दौरान काफी एहतियात की जरूरत है. बच्चों की वैक्सीन को मंजूरी देने से पहले उनके क्लीनिकल ट्रायल के डाटा की अच्छी तरह से समीक्षा करनी होगी.
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60-70 फीसदी कोरोना संक्रमित बच्चे पहले से थे बीमार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, जो बच्चे कोरोना संक्रमित थे और अस्पताल में भर्ती थे, उनमें से 60-70 प्रतिशत मामले ऐसे थे जिसमें बच्चों को या तो पहले से कोई बीमारी थी या फिर उनकी इम्यूनिटी कमजोर थी. ऐसा भी देखा गया था कि बच्चे कोरोना से ठीक हो गये लेकिन उनको MIS-C (Multi-system Inflammatory Syndrome) हो गया . यह दुर्लभ लेकिन गंभीर था.
आईआईटी के प्रो. का दावा भारत में नहीं आयेगी तीसरी लहर
बता दें कि कानपुर आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो मणींद्र अग्रवाल ने दावा किया है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर न के बराबर होगी. इसका प्रमुख कारण वैक्सीनेशन को बताया गया है. प्रो अग्रवाल ने गणितीय सूत्र मॉडल के आधार पर यह दावा किया है. वैज्ञानिक के अनुसार, संक्रमण की रफ्तार अब लगातार कम ही होगी और अक्टूबर तक भारत के कई राज्य कोरोना मुक्त हो जायेंगे. प्रो. अग्रवाल के अनुसार इसमें यूपी, बिहार, दिल्ली और मध्य प्रदेश शामिल होंगे.
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