Ranchi : किराया निर्धारण और वाहनों पर किराया चार्ट लगाने को लेकर प्रशासनिक अधिकारी और ऑटो संगठन के पदधारी कुछ भी स्पस्ट बोलने को तैयार नहीं हैं. किराये को लेकर जो गंभीरता दिखनी चाहिये वह नहीं दिख रही. इस वजह से स्थिति यह है कि ऑटो चालक यात्रियों से मनमर्जी पैसे वसूल रहे हैं. बीती 22 जुलाई को इस मामले पर एक बैठक हुई थी. बैठक का नेतृत्व करनेवाले अधिकारी भी अब इस मामले पर कुछ बोलना नहीं चाहते.
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22 जुलाई को हुआ था किराया निर्धारण
शहर में नए ऑटो किराया निर्धारण की बैठक बीते 22 जुलाई में हुई थी. अभी सितंबर का महीना चल रहा है. लेकिन डेढ़ महीनें में न ऑटो में नए किराए का चार्ट लगा और न ही चालकों ने बैठक में निर्धारित की गयी वर्दी ही पहनी. कोई रूट निर्धारित नहीं है. स्थिति यहां है कि धूर्वा से कचहरी का किराया 60 से 70 रुपये लिये जा रहे हैं. इतना ही नहीं हिनू से बूटी मोड़ तक जाने के लिए सवारियों को 70 से 80 रुपए देने पड़ रहे हैं. कमोवेश अन्य सभी रूटों का यही हाल है.
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मामले पर ट्रैफिक पुलिस गंभीर नहीं
परिवहन (क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार ) से लेकर डीजल और पेट्रोल महासंघ के पदाधिकारियों से पूछे जाने पर एक दूसरे पर आरोप लगाकर पल्ला झाड़ रहे हैं. बैठक में शामिल होने वाले भी आश्चर्यजनक रूप से खामोश हैं. परिवहन अधिकारी निरंजन कुमार कहते हैं कि ऑटो में किराया चार्ट चिपकाने की जिम्मेवारी ऑटो संगठनों की हैं. वहीं ऑटो चालक महासंघ और अन्य संगठन इसे प्रशासन की जिम्मेवारी कह पल्ला झाड़ रहे हैं. हालांकि इस मामले पर सख्ती करने के लिए प्रशासन ने ट्रैफिक पुलिस को लगाने की बात कही थी. इस बात के भी एक महीने से अधिक बीत चुका है. कहीं से कोई नियंत्रण नहीं देख ऑटो चालक और बेलगाम हो रहे हैं.
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आटो संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा
झारखंड प्रदेश डीजल ऑटो चालक महासंघ के संस्थापक व अध्यक्ष दिनेश सोनी कहते हैं कि प्रशासन इस मामले में फेल हो चुका है. जल्द ही महासंघ एक बैठक कर नये सिरे से विभिन्न रूटों का किराया तय करेगा. जो किराया तय होगा, उसकी प्रति यातायात पुलिस को सौंपकर वाहनों में लगाया जायेगा. जबकि छोटानागपुर टैक्सी और टेंपो चालक संघ के अध्यक्ष शमीम अख्तर ने कहा कि पेट्रोल ऑटो के चार रूट निर्धारित हैं. हमने इसे लागू किया था. लेकिन डीजल ऑटो चालक अधिक किराया ले रहे हैं. ऐसे में संगठन पेट्रोल ऑटो चालकों पर अंकुश नहीं लगा सकता.
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