Saharsa: सहरसा के सुलिदाबांद पंचायत में जाली दस्तावेज के आधार पर बैंक से लोन लेने का मामला उजागर हुआ है. जब ग्रामीणों को लोन सेटलमेंट का नोटिस मिला तो उन्हें इसकी जानकारी हुई. तब मामला पुलिस के पास पहुंचा.
अनुदान दिलाने के नाम पर लिये कागजात
बताया जाता है कि रहुआ निवासी बाना ठाकुर कुछ समय पहले यूनियन बैंक की शाखा से अनुदान दिलाने के नाम पर कई कागजात ले गया था. उसने कई कागजातों पर हस्ताक्षर भी करा लिये थे. इसके बाद एक दिन सभी को बैंक बुलवा कर खाता खोलने के नाम पर कई फार्म पर भी दस्तखत करवा लिये. अनुदान की वजह से लोगों ने हस्ताक्षर कर दिये. बाद में जब बैंक का नोटिस आया तो सभी के होश उड़ गये. किसी को एक लाख तो किसी को डेढ़ लाख रुपये लोन सेटलमेंट करने का नोटिस मिला था. जबकि करीब आठ सौ दलितों-महादलितों के हस्ताक्षर जमीन के जाली दस्तावेजों पर करवाकर वह यूनियन बैंक से 8 करोड़ रुपये लोन निकालकर गबन कर लिया.
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एक को भेजा जेल
इस मामले में सदर थाने में एफआईआर में दर्ज की गई. केस में बैंक के तत्कालीन अधिकारियों के अलावा अमित जायसवाल और बाना ठाकुर के नाम दर्ज हैं. सुलिंदाबाद गांव के पीड़ित ग्रामीण अमित और बाना को बैंक का दलाल बता रहे हैं. सदर थानाध्यक्ष जयशंकर प्रसाद ने बताया कि पीड़ित लोगों के आवेदन पर बिचौलिया सहित बैंक अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी. दूसरी तरफ बैंक के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि लोन 2013-15 के बीच निकाले गए हैं. बैंक ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने बाना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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