Ranchi: वामपंथ उग्रवाद के उन्मूलन को लेकर रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में वार्षिक बैठक बुलायी गयी. इस बैठक में 10 से अधिक राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रतिनिधि और डीजीपी शामिल हुए. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के साथ प्रतिनिधिमंडल भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए था. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से उग्रवादी घटनाओं में कमी आयी है. साथ ही उग्रवादी संगठनों के विरुद्ध कार्रवाई में भी सफलता मिली है. साथ ही मुख्यमंत्री ने वामपंथी उग्रवाद को अभी भी एक बड़ी चुनौती मानते हुए कहा कि Cooperative Federalism (सहकारी संघवाद) के सिद्धांत पर केंद्र सरकार को मिलकर इस समस्या से निपटना है.
सीएम ने कहा कि नक्सल प्रभावित जिलों में सामाजिक आर्थिक दशा में सुधार और कनेक्टिविटी सुधार करना आवश्यक है. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से सड़क निर्माण के लिए RRP और RCPL WEA नाम की योजना चालू की गई है. कनेक्टिविटी में सुधार के लिए राज्य में 783 मोबाइल टावर का निर्माण कराया गया था. इन टावरों को 2G से 4G में अपग्रेड कराने और 1052 स्थानों पर मोबाइल टावर लगाने के लंबित प्रस्ताव को भी स्वीकृति देना जरूरी है. ताकि उन्मूलन के प्रयास में सहयोग मिल सके.
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घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभियानों का संचालन हो रहा
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र व राज्य के संयुक्त प्रयास से वामपंथी उग्रवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभियान का संचालन किया जा रहा है. अभियान का परिणाम है कि राज्य में हार्डकोर उग्रवादियों की उपस्थिति मुख्य रूप से 4 स्थानों पारसनाथ पहाड़, बूढ़ा पहाड़, सरायकेला-खूंटी और चाईबासा जिले के ट्राई जंक्शन क्षेत्र, कोल्हान और बिहार से सटे इलाके तक सीमित रह गए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 से 2021 अगस्त तक के आंकड़े को देखें तो इस अवधि में पुलिस मुठभेड़ में 18 उग्रवादियों को मार गिराया गया है. इसके अलावा कुल 715 उग्रवादियों की गिरफ्तारी हुई है. 27 कुख्यात उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है.
अवैध अफीम की खेती को बड़े पैमाने पर नष्ट किया गया
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलियों के आय के स्रोत को कम करने के लिए रणनीति के तहत काम हो रहा है. अवैध अफीम की खेती को बड़े पैमाने पर नष्ट किया गया है. ऐसे संवेदन और माइंस ऑपरेटर, जिनका नक्सलियों को लेवी पहुंचाने का संदेह है, उसपर नजर रखी जा रही है.
28 नक्सली लीडर की चल-अचल संपत्ति, जिसकी कुल कीमत 8 करोड़ है, उसे CONFISCATE किया गया है. 17 संवेदनशील मामलों को एनआईए और 10 मामलों को ईडी को स्थानांतरित किया गया है. बूढ़ा पहाड़ छत्तीसगढ़ की सीमा के पास स्थित है. वहां से नक्सलियों के सफाये को लेकर सीएम ने छत्तीसगढ़ के सीएम से अनुरोध किया कि वे पुलिस अधिकारियों को झारखंड पुलिस के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दें.
नक्सलवाद से मिलकर ही निपटा जा सकता है
मुख्यमंत्री ने बताया कि नक्सलवाद से मिलकर ही निपटा जा सकता है. लेकिन ऐसी परिस्थिति में केंद्रीय सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति के बदले केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार से राशि मांगी जा रही है, जो व्यवहारिक प्रतीत नहीं होती है. उन्होंने कहा कि इस मद में झारखंड राज्य के विरुद्ध अब तक 10,000 करोड़ का बिल गृह मंत्रालय ने दिया है.
मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से अनुरोध किया कि इन बिलों को राइट ऑफ (write-off) करने का और भविष्य में इस तरह का बिल भेजने का निर्णय केंद्र सरकार की ओर से लिया जाए. हेमंत सोरेन ने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा समय-समय पर उग्रवाद के उन्मूलन के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं. योजनाओं से लाभ भी मिला है. लेकिन यह भी देखा गया है कि कुछ जिलों के लिए योजनाओं को अचानक बंद कर दिया जाता है. इससे उग्रवाद उन्मूलन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को आघात पहुंचता है. ऐसे में जरूरी है ऐसी योजनाओं को बंद ना किया जाए.
विशेष केंद्रीय सहायता योजना का जिक्र किया
मुख्यमंत्री ने विशेष केंद्रीय सहायता योजना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में 33 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है. क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर गैप को भरने के लिए इस योजना द्वारा सराहनीय भूमिका निभाई गई है. पहले यह योजना 16 जिलों में चालू थी. जिसे बाद में 8 जिला कर दिया गया. इसी तरह SRE योजना से तीन जिलों, कोडरमा, रामगढ़ और सिमडेगा को बाहर कर दिया गया. हेमंत सोरेन ने गृह मंत्री से अनुरोध किया कि दोनों योजनाओं को सभी नक्सल प्रभावित जिलों के लिए अगले 5 वर्षों तक जारी रखा जाए.
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