Chaibasa: जिला उपायुक्त अरवा राजकमल द्वारा नोवामुंडी प्रखंड के सुदूर वन ग्रामों यथा कुमडीह, रांगरिंग, नुईयागड़ा एवं इर्द-गिर्द में अवस्थित सभी वन ग्रामों का भ्रमण जिला के वरीय पदाधिकारियों के साथ किया गया. उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि यह एक शुरुआत है. अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है. दुर्गम क्षेत्र होने के कारण और जनसंख्या घनत्व अत्यंत न्यून होने के साथ ही यहां तक पहुंचने के लिए पथ नहीं होने के कारण कई सारी योजनाओं से ग्रामीण छूटे हुए थे. अभी सरकार ने क्षेत्र के विकास को काफी गंभीरता से लिया है.
कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट के माध्यम से जिला प्रशासन को निर्देश दिया था कि ऐसे सुदूरवर्ती दुर्गम वन क्षेत्रों में विकास योजनाओं की गति में तेजी लायी जाय. उसी निर्देश को आगे बढ़ाते हुए हम इस दिशा में कार्य कर रहे हैं. अत्यंत दुर्गम क्षेत्र में अवस्थित इन वन ग्रामों में ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से क्षेत्र में वरीय पदाधिकारियों ने आज दूसरी बार भ्रमण किया है.
ज्ञातव्य है कि विगत दो माह पूर्व कोल्हान प्रमंडल आयुक्त एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक, उपायुक्त एवं अन्य पदाधिकारियों ने इन्हीं वन ग्रामों का भ्रमण कर लोगों की समस्याओं को सुना था. इसी के तहत उनके समाधान के लिए विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई है. उपायुक्त अरवा राजकमल के साथ पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी, वन प्रमंडल पदाधिकारी (प्रोबेशनर), प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी सहित अन्य क्षेत्रीय पदाधिकारियों थे.
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होगा बदलाव
इस दौरान सड़क और पुलिया को देखकर उपायुक्त ने निर्देश दिये. शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल व्यवस्था और रोजगार की स्थिति का जायजा लिया. बच्चों की शिक्षा को लेकर बातें कहीं. कहा कि बच्चों के स्कूल जाने के लिए बस की व्यवस्था पर भी विचार किया जा रहा है. स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था है लेकिन उसको किस तरह से सैनिटाइज किया जाए इसके लिए एक सेनेट्री वेल बनाया जाएगा.
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