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Ranchi: घर, एक मूलभूत सुविधा है. देश में कई ऐसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हैं, जिनके पास पक्का मकान नहीं है. इन्हें घर उपलब्ध कराने के मकसद से 2015 में प्रधानमंत्री ने आवास योजना की शुरुआत की. रांची जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई. वित्तीय वर्ष 2016-17 से लेकर 2020-21 तक जिले में कुल 53569 टारगेट दिया गया था. इसके तहत 53567 आवेदनों को स्वीकृति तो दे दी गयी थी. पर पांच वर्ष बीत जाने के बाद 41280 लाभुकों को घर मिल सका है. वहीं, 12289 लाभुक अब भी अपने घर बनने की बाट जोह रहे हैं.
आपको बता दें कि आवास योजनाओं के तहत आवास बनाने का काम खुद लाभुक ही करते हैं. ये कार्य मनरेगा के तहत होते हैं और उसी में उनका पेमेंट भी होता है. इन्हें लगभग एक वर्ष का समय दिया जाता है, पर पेंडिंग आवासों में वे आवेदन भी शामिल हैं, जिन्हें 3-3 वर्ष पहले ही स्वीकृति दे दी गयी थी, पर अब भी उन्हें पूरा नहीं किया जा सका है.
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वित्तीय वर्ष 2016-17 से लेकर 2020-21 तक प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थिति
वर्ष लक्ष्य पूर्ण पेंडिंग
2016-17 8809 8449 360
2017-18 5590 5361 229
2018-19 6850 6561 289
2019-20 15700 13110 2590
2020-21 1 6620 7799 8821
आवास प्लस में 17985 लक्ष्य के विरुद्ध फिलहाल एक भी आवास पूर्ण नहीं
पूर्व में हुए सर्वे के आधार पर वित्तीय वर्ष 2020-21 तक के लिए लाभुकों को चिह्नित कर लिया गया था. पर इसमें भी कई लाभुक छूट गए थे. इसके लिए सरकार ने आवास प्लस योजना की शुरुआत की. इसकी शुरुआत वित्तीय वर्ष 2021-22 से की गयी है. रांची जिले में इसके तहत 17958 लक्ष्य दिया गया था. इसमें से 14656 आवेदनों को स्वीकृति दे दी गयी है, पर इनमें से एक में भी अभी पूर्ण नहीं हुआ है. जानकारी के अनुसार स्वीकृत आवेदनों में से लगभग 1000 लाभुकों को घर बनाने के लिए पहली किश्त दे दी गयी है. लाभुकों द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है.
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अंबेडकर आवास योजना में पिछले पांच वर्षों का लक्ष्य था 1478, इनमें अभी भी 215 पेंडिंग
प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय लोगों को घर उपलब्ध करवाने के लिए बाबा साहेब अंबेडकर आवास योजना भी चलायी जाती है. वित्तीय वर्ष 2016-17 से लेकर 2020-21 तक रांची जिले में 1478 अंबेडकर आवास योजना का लक्ष्य दिया गया था. इसके तहत 1263 आवास पूर्ण कर लाभुकों को दिये जा चुके हैं. वहीं, 215 लाभुक के आवास पेंडिंग है. हालांकि वर्ष 2017-18 में इस योजना के तहत कोई लक्ष्य नहीं तय किया गया था.
प्रधानमंत्री आवास योजना के पेंडिंग आवेदनों को अगले 6 महीने में कर लिया जाएगा पूरा
अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के पेंडिंग सभी आवेदनों को अगले 6 महीने तक पूरे कर लिए जाएंगे. पेंडिंग का कारण बताते हुए संबंधित अधिकारी ने कहा कि वही आवेदन पेंडिंग हैं, जिन्हें लेना वाला कोई नहीं है. या तो परिवार पलायन कर चुका है, या आवेदक की मृत्यु हो गयी है या किसी अन्य कारण से. बाकी कुछ आवेदन ऐसे हैं, जिन्हें स्वीकृत तो किया गया था, पर उन्होंने आवास लेने से मना कर दिया. इसके बाद हाल के दिनों में उनकी जगह नए आवेदनों को स्वीकृत किया गया है, जिसमें कार्य जारी है.
क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)
प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत वर्ष 2015 में किया गया था. यह योजना ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दिया जाता है, जिनका खुद का पक्का घर नहीं है. उन्हें घर बनाने के लिए या कच्चे मकान की मरम्मत के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है. इसमें अगर कोई मैदानी इलाकों में घर बनाना चाहता है तो उसके लिए 1,20,000 रुपये और अगर कोई पहाड़ी इलाकों में घर बनाना चाहता है तो उन्हें 1,30,000 रुपये की मदद की जाती है.