Patna: बिहार की राजनीति में जद (यू) कुछ बदलाव करने में लगी है. एक तरफ युवा चुहरे को आगे कर रही है तो दूसरी ओर पुराने समीकरण को मजबूत करने में लगी है. इसी नीति के तहत पूर्व विधायक उमेश कुशवाहा को रविवार को जनता दल (यू) की बिहार इकाई का अध्यक्ष चुना गया.
जद (यू) की राज्य परिषद की बैठक में कुशवाहा के चयन का अनुमोदन किया गया. वह वैशाली जिले के महनार विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के विधायक रह चुके हैं. पार्टी कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान वरिष्ठ नेता एवं सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि जद (यू) की बिहार इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उमेश कुशवाहा का नाम प्रस्तावित किया. इसे बैठक में उपस्थित सदस्यों ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी.
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पुरानी नीति पर पार्टी
सूत्रों की मानें तो उमेश कुशवाहा का चुना जाना एक बार फिर पार्टी का ‘लव-कुश’ (ओबीसी कुर्मी एवं कुशवाहा जाति समीकरण) की नीति पर लौटने का संकेत है. देखा जाय तो वर्ष 2005 में जब जद (यू) और भाजपा ने मिलकर राजद को बिहार की सत्ता से उखाड़ फेंका था. उसके बाद से कुर्मी जाति से आने वाले बिहार की राजनीति में ‘लव-कुश’ समीकरण के साथ हैं ताकि गैर यादव ओबीसी जातियों को लुभाया जा सके.
46 वर्षीय कुशवाहा का चुना जाना यह दर्शाता है कि पार्टी युवा नेतृत्व की ओर बढ़ रही है. ताकि बिहार के युवा नेतृत्वकर्ताओं यानी राजद के तेजस्वी यादव और लोजपा के चिराग पासवान का मुकाबला किय जा सके. दूसरी तरफ हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर करीबी आरसीपी सिंह को अपना उत्तराधिकारी बनाकर परिवर्तन का संकेत पहले ही दे दिया है.
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