Kolkata : प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता और राज्यसभा सांसद केडी सिंह को गिरफ्तार किये जाने की सूचना है. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राज्यसभा के पूर्व सांसद केडी सिंह को गिरफ्तार किया गया है. इससे प बंगाल की राजनीति में हलचल मच गयी है.
बता दें कि केडी सिंह अप्रैल 2014 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा में भेजे गये थे. अधिकारी ने कहा कि उसे अदालत में पेश किया जायेगा. एजेंसी ने 1,900 करोड़ के घोटाले से जुड़े दो मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में उन्हें गिरफ्तार किया है. चुनाव पूर्व ED की कारर्वाई को राजनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है.
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2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने फर्म की 239 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी
जान लं कि जनवरी 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने फर्म की 239 करोड़ की संपत्ति को अटैच कर लिया था. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने एक अवैध सामूहिक निवेश योजना शुरू की और 2015 तक जनता से लगभग 1,916 करोड़ रुपये जमा किये. बता दें कि मामले की जांच 2016 में शुरू हुई थी.
अप्रैल 2014 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर केडी सिंह राज्य सभा के लिए चुने गये लेकिन घोटाला सामने आने के बाद पार्टी ने उन्हें किनारे कर दिया था. उनका कार्यकाल पिछले साल अप्रैल में समाप्त हो गया था. तृणमूल के वरिष्ठ नेता सौगत राय कहते हैं कि पार्टी का केडी सिंह के साथ अब कोई संबंध नहीं है.
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केडी सिंह अल्केमिस्ट के लिए चिट फंड चलाते थे.
उन्होंने कहा, यह सही है कि केडी सिंह अल्केमिस्ट के लिए चिट फंड चलाते थे. यह सच है कि एक समय वह तृणमूल से राज्यसभा के सदस्य थे. लेकिन केडी सिंह के साथ पार्टी का पिछले दो वर्षों से कोई संबंध नहीं है.
कह कि मुझे उम्मीद है कि प्रवर्तन निदेशालय ने कानून के अनुसार काम किया है. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग न हो. लेकिन साथ ही साथ उनके अपने कानूनी अधिकार भी हैं. रॉय ने कहा, मैं जानता हूं कि भाजपा राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सीबीआई और ईडी का उपयोग कर सकती है.