Jamshedpur : संयुक्त ग्राम सभा संघर्ष समिति, उलीडीह, जमशेदपुर के प्रतिनिधि मंगलवार को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से मिले. समिति ने उन्हें मानगो नगर निगम को रद्द करने और उसके चुनाव को रोकने की मांग की. इस संबंध में राज्यपाल एक ज्ञापन भी सौंपा गया. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत मानगो अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आता है. मानगो के अंतर्गत 12 मौजा में शत-प्रतिशत भूमि का राजस्व अभिलेख आदिवासियों के नाम पर दर्ज है. भारत के संविधान में यह स्पष्ट है कि नगर निगम या नगरपालिका का गठन अनुसूचित क्षेत्रों में नहीं किया जा सकता है. झारखंड के अनुसूचित क्षेत्र नगर निगम या नगर पंचायत के लिए अधिसूचित नहीं है. नगर निगम या नगर पंचायत केवल सामान्य क्षेत्रों के लिए है. अनुसूचित क्षेत्रों में इसका विस्तार और गठन के लिए अभी तक संसद द्वारा कोई भी अधिनियम या कानून नहीं बनाया गया है. समिति ने शहरी विकास मंत्रालय से सूचना का अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से जानकारी प्राप्त की है कि अब तक अनुसूचित क्षेत्रों में नगरपालिका गठन या विस्तार से सम्बंधित किसी भी प्रकार का अधिनियम या कानून नहीं बनाया है. इससे साफ जाहिर है कि झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में नई नगरपालिका या नगर निगम का गठन असंवैधानिक है. मानगो नगर निगम का गठन, वार्डों का परिसीमन, चुनाव और चुनाव में आरक्षण भी गलत है.
इसे भी पढ़ें : धनबाद : विधायक ढुल्लू महतो के करीबी के घर पर बदमाशों ने फेंका बम, की फायरिंग
साथ ही यह भी तथ्य है कि प्रस्तावित निगम में वार्डों का गठन जिस आबादी को आधार मानकर परिसीमन किया जा रहा है वह सीएनटी. कानून का उल्लंघन कर बसी हुई है. राज्य सरकार के पास अधिसूचना द्वारा किसी नगर पालिका क्षेत्र या उसके भाग को हटाने की शक्ति है. ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में विस्थापन विरोधी आंदोलन के नेता कुमार चन्द्र मार्डी, झारखंड आंदोलनकारी डेमका सोय, तैसा के माझी बाबा दुर्गा चरन मुर्मू, बालीगुमा के माझी बाबा रमेश मुर्मू, कैलाश विरुआ, जमशेदपुर कोर्ट के वकील लवकुश हांसदा, सामाजिक कार्यकर्ता कार्तिक मार्डी और ठाकुर दास हांसदा शामिल थे। हालांकि सिर्फ दो लोगों को राज्यपाल से मिलने की अनुमति मिलने पर कुमार चन्द्र मार्डी और रमेश मुर्मू ने उनसे मुलाकात की.