Ranchi : रांची नगर निगम के इंजीनियरों द्वारा 2.25 करोड़ की जगह 22.56 करोड़ का फर्जी पेमेंट सर्टिफिकेट (PS) जारी करने का मामला अब तुल पकड़ते जा रहा है. निगम की इंजीनियर शाखा ने भले ही प्रेस बयान जारी कर अपनी गलती मान ली हो, पर जांच करने पर कई ठेकेदारों के नाम 22.56 करोड़ के इस भ्रष्टचार के खेल में सामने आ रहे हैं. इसमें एक नाम ठेकेदार संजय सिंह का नाम भी है. इंजीनियरिंग शाखा से मिली जानकारी के मुताबिक संजय सिंह उसी शंभू सिंह का बेटा है, जिसकी कंपनी (मेसर्स शंभू सिंह) के नाम से 22.56 करोड़ का फर्जी पेमेंट सर्टिफिकेट जारी किया गया था. वहीं सर्टिफिकेट जारी करने वाले निगम के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (EE) का नाम रमेश कुमार सिंह है. सूत्रों के मुताबिक निगम में भ्रष्टाचार के इस खेल में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रमेश कुमार सिंह और ठेकेदार संजय सिंह की मिलीभगत हुई है.
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ठेका मिलने के खेल में बड़े इंजीनियरों का ठेकेदार संजय सिंह को मिला है सपोर्ट
दरअसल 22.56 करोड़ के फर्जी पेमेंट सर्टिफिकेट इसलिए जारी किया गया, क्योंकि इससे कंपनी मेसर्स शंभू सिंह को अन्य जगहों पर करोड़ों का काम मिल सके. हुआ भी कुछ ऐसा ही, उसे बड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण में 5 करोड़ सहित अरबों का ठेका मिल गया. बताया जा रहा है कि ठेकेदार सिंह हथियारों और आभूषण का बड़ा शौकीन है. इंजीनियर शाखा की मानें, तो बड़े रूआब से वह निगम कार्यालय में आकर अपना ठेका लेने का काम करता है. निगम से ठेकेदार मिलने के खेल में निगम के कई अन्य बड़े इंजीनियरों का भी उसे सपोर्ट हासिल है.
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टाइपिंग मिस्टेक बताकर किया गया 22.56 करोड़ का भुगतान
बता दें कि निगम ने बुधवार को एक विज्ञापन जारी कर बताया था कि टाइपिंग मिस्टेक से कंपनी मेसर्स संभू सिंह को 22.56 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है. हालांकि कंपनी ने निगम के कुछ वार्डों में केवल 2.25 करोड़ रुपये का ही काम किया था. टाइपिंग मिस्टेक बताकर यह भुगतान करीब छह माह पहले मार्च 2021 में किया गया था. हालांकि छह माह बीतने के बाद इंजीनियर की आंख खुली और विज्ञापन जारी कर उन्होंने अपनी गलती स्वीकारी.
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