Ranchi: झारखंड में सरकार गठन के लगभग एक वर्ष बीतने के बाद अब बोर्ड निगम के बंटवारे की कवायद चल रही है. इसे अमलीजामा पहनाने के लिए कांग्रेस ने 4 सदस्यों की कमिटी बनाई है. जो सहयोगी दल जेएमएम से बातचीत कर बोर्ड निगम और 20 सूत्री कमिटी के चयन के फॉर्मूले पर बातचीत करेंगे. यह जानकारी झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने रविवार को रांची स्थित कांग्रेस भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही.
इसे भी पढ़ें-पश्चिम बंगाल को धार्मिक ध्रुवीकरण से बचाने के लिए भाजपा-टीएमसी के खिलाफ वाम मोरचा,कांग्रेस मिलकर लड़ेंगे : बिमान बोस
प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा है की इस महीने के अंत तक यह तय हो जाएगा कि किसके हिस्से में कौन सा विभाग आएगा और इसपर सहमति बनाने के लिए 4 सदस्य कमेटी को जिम्मा दिया गया है. कमिटी में प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव विधायक दल के नेता आलमगीर आलम कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश और कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर सदस्य हैं. कितना बीस सूत्री किस पार्टी को मिलेगा इस पर भी यही कमिटी बातचीत करेगी.
अन्नदाताओं के साथ केंद्र सरकार कर रही तानाशाही
वहीं आरपीएन सिंह ने केंद्र सरकार को किसानों के मुद्दे पर घेरते हुए कहा की अन्नदाता के साथ केंद्र सरकार तानाशाह के जैसे अपना रवैया कर रही है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है देश के 70% लोग किसान व मजदूर मजदूरी करते हैं. उन्हीं पर सरकार ने वार किया है. कांग्रेस पार्टी संकल्पित है कि किसानों की किसी भी समस्या के लिए सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ते रहेंगे.
इसे भी पढ़ें-कांग्रेस का नीतीश को महागठबंधन में आने का ऑफर, तेजस्वी कानून व्यवस्था पर उठा रहे सवाल
उन्होंने कहा कि बड़े गर्व के साथ कह सकते हैं कि झारखंड के गठबंधन की सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए चुनाव के घोषणा पत्र में साफ कहा था कि लोन माफ करेंगे. और वह कार्य प्रदेश में शुरू हो गया है दूसरी तरफ केंद्र की सरकार किसानों पर बर्बरता कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस के दो पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की वापसी के सवाल पर आरपीएन ने केंद्रीय नेतृत्व द्वारा फैसला लिए जाने की बात कही.