NewDelhi : मोदी सरकार द्वारा तीन कृषि कानून वापस लिये जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 फिर से बहाल करने और पूर्ण राज्य का दर्जा वापस लेने की मांग की है. जान लें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद अब जम्मू-कश्मीर में भी Article 370 बहाल करने की मांग उठने लगी है.
इसे भी पढ़ें : राहुल गांधी ने ट्वीट किया, देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया
किसानों को प्रदर्शन स्थल नहीं छोड़ना चाहिए
बता दें कि फारूक अब्दुल्ला ने चैनल आजतक से बात करते हुए कहा, जिस तरह कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया है, उसी तरह सरकार को अनुच्छेद 370 को भी बहाल करना चाहिए. अब्दुल्ला के अनुसार चुनावों के कारण सरकार ने कृषि कानूनों को रद्द कर दिया. कहा, लेकिन मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं. उन्होंने यह भी कहा कि संसद से कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने तक किसानों को प्रदर्शन स्थल नहीं छोड़ना चाहिए.
कृषि कानून निरस्त करने के फैसले पर अब्दुल्ला ने कहा देर आये दुरुस्त आये. उन्होंने कहा कि अब सरकार और विपक्ष को संसद को सुचारू रूप से चलने देना चाहिए. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जिस तरह से कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला लिया गया है, उसी तरह सरकार को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को भी बहाल करना चाहिए. इससे राज्य में शांति बहाल होगी.
इसे भी पढ़ें : BIG BREAKING : पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का किया ऐलान, कहा- आंदोलनरत किसान अपने घर लौटें
अगस्त 2019 में हटा था अनुच्छेद 370
केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को खास दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 निरस्त कर दिया था. साथ ही जम्मू-कश्मीर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी बांट दिया था. दोनों को ही केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया. हालांकि, जम्मू-कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं है.