Kiriburu : सारंडा वन प्रमंडल के संलग्न पदाधिकारी आईएफएस प्रजेश कांत जेना के नेतृत्व में वन विभाग की जराईकेला टीम ने शुक्रवार को सारंडा के दीघा क्षेत्र के जंगलों से लगभग 11 पीस लकड़ी का बोटा (स्लिपर्स), बल्ली और साइकिल आदि जब्त किया. इस दौरान वन विभाग की कार्यवाही से लकड़ी माफिया फरार हो गए. बरामद लकड़ी की कीमत लगभग 30-40 हजार रुपए है. इस मामले में आईएफएस प्रजेश कांत जेना ने बताया कि अवैध लकड़ी तस्करी को रोकने हेतु डीएफओ चन्द्रमौली प्रसाद के नेतृत्व में सारंडा के विभिन्न क्षेत्रों, खासकर ओडिशा के सीमावर्ती जंगल क्षेत्रों में निरंतर कार्यवाही जारी है. लकड़ी माफियाओं के खिलाफ बॉर्डर इलाके में स्पाई नेटवर्क बनाया गया है, लेकिन गांव वालों को रोजगार उपलब्ध कराने से इस तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाया जा सकेगा.
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इसके लिए सीमित संसाधनों के साथ सभी तरह का प्रयास किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि लगभग 850 वर्ग किलोमीटर में फैला एशिया का सबसे बड़ा साल का जंगल सारंडा की सुरक्षा हेतु जितने मैनपावर की जरूरत है उसकी तुलना में बहुत कम है. इतने कम मैन पावर के साथ सारंडा जंगल को बचा पाना असंभव है. जानकारी अनुसार सारंडा के चार रेंज में एक ही फूल टाईम रेंजर नियुक्त हैं जो बीमारी की वजह फिल्ड ड्यूटी करने में असमर्थ हैं. इसके अलावे एसीएफ, रेंजर, फॉरेस्टर, क्यूआरटी टीम की बहाली की विशेष आवश्यकता है, जो नहीं हो पा रही है. वन विभाग के पास अपना हथियारबंद फोर्स व पर्याप्त मात्रा में पेट्रोलिंग वाहन आदि भी नहीं है जो चिंता का विषय है.