Shailesh Singh
Kiriburu : भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के पूर्वी रीजनल ब्यूरो कमेटी के सचिव सह केन्द्रीय कमेटी व पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस और केन्द्रीय कमेटी की सदस्य शीला मरांडी की गिरफ्तारी के पीछे कहीं बड़े नक्सलियों की बड़ी रणनीति तो नहीं! उल्लेखनीय है कि झारखंड पुलिस ने भाकपा माओवादी के उक्त दोनों शीर्ष नेता के अलावे बिरेंद्र हांसदा उर्फ जितेंद्र, राजू टुडू उर्फ निखिल उर्फ बाजु (दोनों गिरिडीह), कृष्णा बाहंदा उर्फ हेवेन (गोइलकेरा, पश्चिम सिंहभूम) और गुरुचरण बोदरा (सोनुआ, पश्चिम सिंहभूम) को 12 नवंबर को कांड्रा थाना क्षेत्र स्थित गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा के पास एक स्कार्पियो से गिरफ्तार किया था. उस समय प्रशांत बोस सारंडा में आयोजित को-आर्डिनेशन कमेटी की बैठक में शामिल होने जा रहे थे.
गिरफ्तारी के समय स्कॉर्पियो में एक गरीब महिला और उसका बच्चा भी थे सवार
इस गिरफ्तारी के समय उक्त स्कॉर्पियों में एक महिला व बच्चा भी सवार थे, जिसके बारे में अब तक सच्चाई सामने नहीं आई है दोनों कौन और कहां के थे. पुलिस ने उन दोनों को क्यों छोड़ दिया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नक्सलियों के सबसे बडे़ नेता प्रशांत बोस व उनकी पत्नी वृद्ध होने के साथ-साथ निरंतर बीमार रहते थे. इस वजह से उनका समुचित इलाज और पुलिस से संघर्ष के दौरान एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुरक्षित हटाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. इसके अलावे भाकपा माओवादी संगठन के पूर्वी रीजनल ब्यूरो के सचिव का पद भी उनके पास था. उस पद को हासिल करने की लालसा एक अन्य बडे़ नक्सली में थी. अर्थात पूर्वी रीजनल ब्यूरो का सचिव पद और उक्त दोनों बडे़ वृद्ध नक्सली दम्पत्ति से हो रही परेशानी की वजह से दोनों को एक गहरी साजिश के तहत गिरफ्तार कराए जाने की चर्चा हो रही है.
सारी योजनाओं की जानकारी पुलिस को थी
सूत्रों का कहना है कि प्रशांत बोस व शीला मरांडी को सुरक्षित कोल्हान प्रमंडल के जंगलों में लाने हेतु एक करोड़ रुपए का इनामी नक्सली सह केन्द्रीय कमेटी सदस्य मिसिर बेसरा ने अपने दो अंगरक्षकों को इसमें लगाया. इसके लिए सोनुवा थाना क्षेत्र के एक नक्सल प्रभावित गांव की एक गरीब परिवार को अपने कब्जे में लेकर उस परिवार की महिला व एक बच्चे को अपने अंगरक्षकों के साथ प्रशांत बोस व शीला मरांडी को गिरीडीह क्षेत्र से लाने के लिए भेजा, ताकि पुलिस को जांच के दौरान यह लगे कि कोई सामान्य परिवार सफर कर रहा है. इन सारी योजनाओं की जानकारी पुलिस को लग चुकी थी.
पुलिस ने महिला व बच्चे को क्यों छोड़ा?
प्रशांत बोस व शीला मरांडी को गिरीडीह से जब नक्सली लेकर आ रहे थे, तभी पुलिस ने उक्त टोल प्लाजा के पास पूर्व रणनीति व योजना के साथ उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद वाहन में सवार सोनुवा थाना क्षेत्र की गरीब महिला व बच्चा जो इस मामले से पूरी तरह अनजान व अनभिज्ञ थे, उन्हें पुलिस ने सकुशल छोड़ दिया. उनका सिर्फ इस्तेमाल नक्सली कर रहे थे.