Dumka :मनरेगा योजना के ग्रामीण विकास विभाग के निर्देश पर सूबे में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसके लिये जिलो में विज्ञापन भी निकला गया है. संविदा पर नियुक्ति के लिए निकाली गयी रिक्तियों को लेकर अरक्षण रोस्टर का पलान नहीं करने का मामला समाने आया है. इसको लेकर दुमका जिला के कई छात्र पक्ष विपक्ष के नेताओं को ध्यानआकर्षित करा रहे हैं. इसको लेकर शानिवार को अनुसूचित जनजाति छात्रों ने भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी को मांग पत्र सौंपाकर मनरेगा में होने वाली संविदा के आधार पर नियुक्ति मे आरक्षण घटाने पर नाराजगी जताई है.
इसे भी पढ़ें-इस एप के माध्यम से जिले के कुशल कारीगरों को काम मिलेगा : अन्नपूर्णा देवी
आरक्षण के कोटा में कटौती की गयी
इससे पूर्व भी छात्रों ने झामुमो के नेताओं को इस संबध में मांग पत्र सौंप चुके हैं.छात्रों का कहना है कि ग्रामीण विकास प्राधिकरण दुमका के द्वारा 20.10.2021 को मनरेगा के अतंगर्त सहायक अभियंता ,कम्प्यूटर सहायक, लेखा सहायक, ग्राम रोजगार सेवक की संविदा के आधार पर नियुक्ति में अनुसूचित जनजाति आरक्षण के कोटा में कटौती की गयी है. पूर्व में भी यह बहाली निकाली गयी थी, लेकिन अपरिहार्य कारणों से इसे रद्द कर दिया गया.
इसे भी पढ़ें-देसी कट्टा के साथ युवक गिरफ्तार
पूर्व में निकाली गयी रिक्तियों को घटा दिया गया
परिमल हेम्ब्रम कहते हैं कि खाली पदों पर संविदा पर नियुक्ति के लिये पूर्व में विज्ञापन निकला गया था, जिसका पात्रांक 25 था. जिला ग्रामीण विकास अधिकरण दुमका में अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित पद सहायक अभियंता के 5,लेखा सहायक में 4 पद ,कम्प्यूटर सहायक में 4 पद,ग्राम रोजगार सेवक में 40 पद स्वीकृत किये गये थे. जिसे वर्तमान में धटा दिया गया है. वर्तमान में निकाले गये खाली पदों में अनुसूचित जनजाति के लिये सहायक अभियंता में 01 पद ,कम्प्यूटर सहायक में 2 पद,लेखा सहायक में 02 पद, ग्राम रोजगार सेवक में 28 पद स्वीकृत दिखाये गये हैं.जिसमें अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में भारी कटौती की गयी है.
इसे भी पढ़ें-अवैध कोयला खदानों पर चला बुलडोजर
20 पद अनुसूचित जनजाति के घटा दिये गये
श्यामदेव हेम्ब्रम का कहना है कि पूर्व में निकाली गयी नियुक्ति के आधार पर बिना नियुक्ति के ही 20 पद अनुसूचित जनजाति में घटाये गये हैं और इसे सामान्य वर्ग में जोड़ा गया है.अनुसूचित क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति का पद घटना कही से भी न्याय संगत नहीं लगता है. छात्रों ने कहा कि जिलावार नियुक्ति में अनुसूचित क्षेत्र जिला रोस्टर लागू होना चाहिए. इस विषय में छात्रों के द्वारा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को अवगत कराया जा रहा है.