DHANBAD. कोविड़ से पहले और बाद के बीच स्क्रीन टाइम करीब 10 प्रतिशत बढ़ा है और साइबरबुलिंग, साइबरस्टाकिंग, ऑनलाइन यौन शोषण आदि मामलें में 8 से 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. गैर सरकारी विशेषज्ञ संस्था फोरम फॉर लर्निंग एंड एक्शन विद इनोवेशन एंड रिगौर (FLAIR ) ने यह जानकारी दी . यह संस्था बच्चों तथा युवाओं के इंटरनेट के उपयोग से सम्बंधित, उनकी सुरक्षा एवं भलाई के मुद्दों पर कार्य करती है. संस्था के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अजय कुमार सिन्हा ने 27 नंवम्बर को धनबाद के रणधीर बर्मा चौक स्थित गांधी सेवा सदन में पत्रकार वार्ता में बताया कि अभी संस्था बोकारों में एक शोध कर रही है.
ऑनलाइन यौन शोषण मामलें में 8 से 9 प्रतिशत की वृद्धि
14 से 24 साल के एक हजार बच्चों और युवाओं से 5 डेटा एकत्र किया गया है . जिसमें इस शोध के प्रारंभिक निष्कर्ष बताते हैं कि स्क्रीन टाइम में बच्चों और युवाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और खतरा बढ़ा है. उन्होंने बताया की शोध के संपूर्ण निष्कर्ष और रिपोर्ट दिसंबर 2021 में प्रकाशित की जाएगी . उन्होंने कहा कि जब झारखंड में स्कूल कोविड 19 जैसी महामारी और लॉकडाउन के कारण बंद थी, उस समय बच्चों और युवाओं ने इंटरनेट और डिजिटल उपकरणों के सौजन्य से ऑनलाइन मोड के माध्यम से पढ़ने, लिखने और सीखने में कामयाबी हासिल की. साइबरबुलिंग , साइबरस्टाकिंग, ऑनलाइन यौन शोषण आदि मामलें में 8 से 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सोशल मीडिया डिसऑर्डर में 2019 में जो सर्वे हुए, उस समय यह प्रतिशत 3 से 4 प्रतिशत के करीब था जबकि इस शोध में यह आंकड़ा 8 से 9 प्रतिशत है. यह चिंताजनक स्थिति है.
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