Jamshedpur: घाटशिला से सटे पुतरू टॉल प्लाजा के लिए जमीन देने वाले रैयतों के मुआवजा भुगतान से जुड़े विवाद की आज आरबिट्रेटर (एडीसी) के यहां सुनवाई हुई. सुनवाई में जिला भु-अर्जन पदाधिकारी रवीन्द्र गागराई, एनएचएआई के कार्यपालक अभियंता एवं रैयत मौजूद थे. इस दौरान रैयतों ने एनएचएआई पर वर्तमान बाजार मूल्य से कम मुआवजा तय किए जाने पर सवाल उठाया तथा मुआवजा लेने से इंकार कर दिया. इस मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी. इससे पहले रैयतों ने अपनी मांग को लेकर उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान रैयतों ने आरोप लगाया कि वे अपनी भूमि पर कृषि कार्य करके अपनी आजीविका चलाते हैं. उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के लिए एनएचएआई ने जमीन का जो दर तय किया है. वह वर्तमान बाजार मूल्य से काफी कम है. रैयतों ने उदाहरण दिया की पुतरू टॉल प्लाजा क्षेत्र से कुछ दूरी पर महुलिया में जमीन की वर्तमान बाजार कीमत एक लाख से ढाई लाख रुपये प्रति डिसमिल है. जबकि एनएचएआई द्वारा इसकी कीमत प्रति डिसमिल 51671 रुपये तय की गई है, जो किसानों के साथ सरासर अन्याय है. रैयतों द्वारा इसकी शिकायत एडीसी से की गई. एडीसी ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अगले सप्ताह कारवाई करने की बात कही. इस संबंध में एडीसी से संपर्क करने पर उन्होंने अदालत (आरबिट्रेटर) में मामला विचाराधीन होने की बात कहकर कुछ भी बताने से इंकार कर दिया.