NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार सुबह 11 बजे साल 2021 के अंतिम मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. इस क्रम में पीएम मोदी ने देशवासियों को नववर्ष की शुभकामना देते हुए कोविड-19 से लड़ाई का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कोरोना का नया वेरिएंट दुनिया में दस्तक दे चुका है. हमें इसका ध्यान रखना होगा. मोदी ने कहा कि इस ओमिक्रॉन वेरिएंट का अध्ययन हमारे वैज्ञानिक कर रहे हैं. पीएम नागरिकों से अपील की कि स्वयं की सजगता, स्वयं का अनुशासन कोरोना के इस नये वेरिएंट के खिलाफ हमारी शक्ति है.
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भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा था – नभः स्पृशं दीप्तम्…
इस क्रम में पीएम मोदी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत, शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को भी याद किया. पीएम मोदी ने कहा, महाभारत के युद्ध के समय, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा था – नभः स्पृशं दीप्तम्… यानि गर्व के साथ आकाश को छूना. यह भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य भी है. ऐसा ही एक जीवन रहा ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का…वरुण सिंह, उस हेलीकॉप्टर को उड़ा रहे थे, जो इस महीने तमिलनाडु में हादसे का शिकार हो गया. उस हादसे में, हमने, देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कई वीरों को खो दिया. वरुण सिंह भी मौत से कई दिन तक जांबाजी से लड़े, लेकिन फिर वो भी हमें छोड़कर चले गये.
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स्वतंत्रता संग्राम की गवाही लखनऊ की दीवारों पर नजर आती है
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम का भी जिक्र किया. कहा कि 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम की गवाही, लखनऊ की दीवारों पर आज भी नजर आती है. कहा कि रेजिडेंसी में हुए ड्रोन शो में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अलग-अलग पहलुओं को जीवंत बनाया गया. चाहे चौरी चौरा आन्दोलन हो, काकोरी ट्रेन की घटना हो या फिर नेताजी सुभाष का अदम्य साहस और पराक्रम, इस ड्रोन शो ने सबका दिल जीत लिया. पीएम ने कहा, आप भी इसी तरह अपने शहरों के, गांवों के, आजादी के आन्दोलन से जुड़े अनूठे पहलुओं को लोगों के सामने ला सकते हैं. इसमें टेक्नोलॉजी की भी खूब मदद ले सकते हैं.
पीएम मोदी ने मन की बात में किताबों पर भी चर्चा की
पीएम मोदी ने मन की बात में किताबों पर भी चर्चा की, कहा कि किताबें सिर्फ ज्ञान ही नहीं देतीं, बल्कि व्यक्तित्व भी संवारती हैं, जीवन को भी गढ़ती हैं, किताबें पढ़ने का शौक एक अद्भुत संतोष देता है, आजकल मैं देखता हूं कि लोग बहुत गर्व से कहते हैं कि इस साल मैंने इतनी किताबें पढ़ी. अब आगे मुझे ये किताबें और पढ़नी हैं. ये एक अच्छा ट्रेंड है, जिसे और बढ़ाना चाहिए.मैं भी मन की बात के श्रोताओं से कहूंगा कि आप इस वर्ष की अपनी उन पांच किताबों के बारे में बतायें, जो आपकी पसंदीदा रही हैं. इस तरह से आप 2022 में दूसरे पाठकों को अच्छी किताबें चुनने में भी मदद कर पायेंगे.