Koderma: गांव में लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से मनरेगा के तहत काम कराया जाता है. नियम के तहत मशीन से नहीं, बल्कि मजदूरों से काम लिया जाता है. लेकिन कोडरमा के चंदवारा प्रखंड में इसकी अनदेखी हो रही है. मामला चंदवारा के मदनगुंड़ी पंचायत के क्रोंजिया गांव का है. महुनडरा क्षेत्र में डोभा का निर्माण किया गया है. जो मनरेगा के तहत मजदूरों को बनाना था, लेकिन जेसीबी से पूरा काम कराया गया.
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बीडीओ ने कहा कि योजना का अभी पता नहीं है
इस संबंध में बीडीओ संजय यादव ने बताया कि योजना का अभी पता नहीं है. मैं बीपीओ से बात करके बता पाऊंगा कि किस योजना से काम हुआ है. ऐसे में समझा जा सकता है कि मनरेगा की स्थिति कैसी है. बता दें कि मनरेगा के तहत साल में 100 दिनों के लिए ग्रामीण मजदूरों को काम दिया जाता है. डोभा का पूरा प्रोजेक्ट लगभग 5 लाख का है. जिसमें जेसीबी से काम कराने से मात्र 25 से 30 हजार की लागत आती है. अगर इस काम को मजदूरों के द्वारा कराया जाता तो मनरेगा के तहत उन्हें 100 दिनों का रोजगार मिलता. साथ ही साथ कुछ हद तक बेरोजगारी भी दूर होती.
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