Hazaribag : झारखंड में भूमि की हेराफेरी के कई तरह के मामले उजागर होते रहे हैं. इसके बाद भी सरकारी कार्यालय के अफसरों की सांठगांठ से भूमि की हेरफेरी निरंतर चलती रहती है. ऐसे कई मामले हजारीबाग जिले में भी समाने आ रहे हैं, जहां सैकड़ों एकड़ खासमहाल की भूमि को भू-माफिया और रसूखदार लोग कब्जा कर रहे हैं. प्राप्त सूचना के अनुसार, खासमहाल की भूमि पर विभागीय लापरवाही एवं अंचल कार्यालय की मिलीभगत से कब्जा किया जा रहा है. हजारीबाग में खासमहाल की भूमि पर हो रहे कब्जे को लेकर समाजसेवी मनोज गुप्ता ने प्रमंडलीय आयुक्त के पास शिकायत दर्ज करा कर उनका ध्यान आकृष्ट कराया है.
खासमहाल की भूमि पर कब्जा कर निर्माण कर लिया
मनोज गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के आलोक में सरकारी भूमि के संरक्षण हेतु SOP को लेकर 12 अक्टूबर 2020 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. जिसमें सभी उपायुक्तों को सरकारी भूमि को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद भी हजारीबाग में दो ऐसे मामले समाने आये हैं, जहां खासमहाल की भूमि पर कब्जा कर निर्माण कर लिया गया है.
1954 में भूमि अधिग्रहण, स्वामित्व के लिए लड़ रहे केस
हजारीबाग लोहसिंघना रोड, मौजा हजारी, हो सं 103, पौ० सं 18 एवं 239 की कुल रकबा एक एकड़ भूमि का अधिग्रहण 28 मई 1954 को किया गया था. इसके बाद भी इस भूमि की बिक्री की जा रही है. निर्माण कार्य भी किये जा रहे हैं. दो लोग इस सरकारी भूमि पर अपना स्वामित्व के लिए सरकार को अंधेरे में रख कर वहां केस भी लड़ रहे हैं. अनुमंडल दंडाधिकारी सदर के पास 2401/2020 में 107 और 372/2020 में 144 का सिविल कोर्ट में परिवारवाद चल रहा है. इसी में पैरवी के आधार पर किसी को फर्जी डीग्री मिल जायेगी और सरकारी भूमि की लूट हो जायेगी. जबकि सरकार के अवर सचिव मधुकांत त्रिपाठी ने उपायुक्त हजारीबाग को ज्ञापांक सं 403/04 फरवरी 21 में इस भूमि को बचाने का निर्दश दिया था.
लीजधारी भटक रहे न्याय के लिए
दूसरा मामला इमली कोठी का है. मौजा सिरका, थाना नं 146 अंतर्गत भवन पट्टा की किमती जमीन हो नं 30 पं नं 19 रकबा 3.76 एकड़ भूमि जो लीजधारी प्रभाष चंद्र मित्रा वगैरह के नाम से 1978 तक स्वीकृत था, इसके उपरांत रिन्यूवल के लिए आवेदन भी दिये हैं, पूरी भूमि पर कब्जा हो गया है. रसूखदार लोग इस जमीन पर आलीशान कोठी बना कर शान से रह रहे हैं. यह जानकारी भी खासमहाल विभाग ने ही दी है. उपरोक्त खासमहाल की भूमि का लीजधारी एक बंगाली परिवार है, जो भूमि संबंधी कागज लेकर भटक रहा है.
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