Ranchi: राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान “रिम्स” में छात्रों के लिए सात हॉस्टल है. सभी हॉस्टल में करीब सौ से डेढ़ सौ की संख्या में छात्र रहते हैं. छात्रों के खाने की व्यवस्था के लिए प्रत्येक हॉस्टल में दो से चार में मेस का संचालन हो रहे हैं. लेकिन बगैर टेंडर के संचालित मेस के संचालक छात्रों को गुणवत्ता युक्त भोजन नहीं दे रहे हैं. अक्सर छात्रों को सूखी रोटी,पानी वाला दाल और खराब गुणवत्ता वाला सब्जी दिया जाता है. खाने की गुणवत्ता ठीक नहीं होने के बावजूद मेस संचालक 2500-3000 प्रति छात्र वसूल रहे हैं. खराब भोजन के कारण छात्रों के सेहत पर असर पड़ रहा है. वहीं खाना बनाने के दौरान सफाई की व्यवस्था नहीं रहती है.
रिम्स हॉस्टल के जर्जर हालत अक्सर गिरता है सीलिंग
रिम्स के हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के मन में भय का माहौल व्याप्त है. रिम्स हॉस्टल नंबर 1 “दसम” में रहने वाले छात्रों ने बताया कि हॉस्टल के छत की सीलिंग अक्सर गिरती रहती है. वहीं दीवार में भी दरार हो चुका है. पढ़ाई करते समय और रात में सोते वक्त मन में भय रहता है कि किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं बाथरूम की स्थिति भी बदतर है. गंदगी के साथ बाथरूम में लगा बेसिन भी टूटा हुआ है. जबकि कमरे की दीवार में अक्सर सीपेज रहता है, जिस वजह से पेड़-पौधे की टहनियां भी निकलने लगे हैं.
फोटो- हॉस्टल की दीवारों पर उग आए पेड़ की जड़ें पहुंची कमरे तक साथ ही बाथरूम में लगी बेसीन की हालत
शॉर्ट सर्किट के कारण हो चुका है बड़ा हादसा
रिम्स हॉस्टल का वायरिंग काफी पुरानी हो चुका है. जर्जर वायरिंग के कारण हॉस्टल में आग भी लग गया है. बावजूद इसके वायरिंग हो अब तक नहीं बदला गया. सिर्फ इसे खानापूर्ति के लिए दुरुस्त करके काम चलाया जा रहा है. अगलगी की घटना के कारण हॉस्टल में रहने वाले छात्र का कई महत्वपूर्ण सामान के साथ किताब कॉपी भी जल गया है.
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एडिशनल डायरेक्टर ने झाड़ा अपना पल्ला
हॉस्टल की जर्जर हालत के विषय पर लगातार.इन के संवाददाता ने जब एडिशनल डायरेक्टर वाघमारे प्रशाद कृष्ण से सवाल किया तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हॉस्टल के जर्जर हालात के विषय की जानकारी रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक देंगे.