Ranchi : राज्य के अनुसूचित जनजाति (एसटी), अनुसूचित जाति (एससी), पिछड़ा सहित अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने पर हेमंत सरकार का विशेष जोर है. इन वर्गों के शिक्षा को लेकर सरकार के स्तर पर कई तरह को योजनाएं चलायी जा रही है. इसमें सबसे प्रमुख सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों को मुफ्त कोचिंग देना, प्रेरणा योजना शामिल हैं. मुफ्त कोचिंग देने की शुरूआत अति नक्सल प्रभावित लातेहार जिला से शुरू हो गयी है. कोडरमा में भी इस तरह का कोचिंग कार्यक्रम शुरू करने की योजना पर कार्य चल रहा है. जल्द ही कल्याण विभाग द्वारा पूर्वी सिंहभूम, रामगढ़ के पिछड़े इलाकों के बच्चों के लिए भी मुफ्त कोचिंग संस्थान खोलने पर काम शुरू होगा.
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आकांक्षा की तर्ज पर शुरू हुआ है प्रेरणा कार्यक्रम
झारखंड के ST, SC, पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग और मेडिकल परीक्षा की मुफ्त तैयारी कर पाएं, इसके लिए शिक्षा विभाग के आकांक्षा कार्यक्रम की तर्ज पर कल्याण विभाग की ओर से मुफ्त कोचिंग की योजना शुरू हुई है. इस कार्यक्रम का नाम प्रेरणा रखा गया है. इस कार्यक्रम में इन वर्गों के वैसे बच्चों को लिया जाएगा, जो झारखंड एकेडेमिक काउंसिल (जैक) द्वारा आकांक्षा के लिए ली जानेवाली परीक्षा की मेधा सूची में नीचे होने से चयनित नहीं हो सके हैं. आकांक्षा के चयन के बाद बची सूची से मैरिट में उपरोक्त वर्ग के छात्रों को प्रेरणा कार्यक्रम में शामिल कर मुफ्त आवासीय कोचिंग दी जाएगी.
प्राइवेट कोचिंग की फीस देने में असमर्थता देख हुआ फैसला
लातेहार की अधिकतर आबादी गरीबी रेखा के नीचे की श्रेणी में आती है. सरकार का मानना है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करा रहे प्राइवेट कोचिंग संस्थानों द्वारा ली जाने वाली फीस को ऐसे बच्चे वहन करने में समर्थ नहीं होते हैं. इसे देखकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर लातेहार के आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को देश की प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा के लिए इंटीग्रेटेड कोचिंग कार्यक्रम उपलब्ध कराया है. जिला प्रशासन के स्तर पर शुरू इंटीग्रेटेड कोचिंग कार्यक्रम में 100 से 130 युवाओं को मुफ्त कोचिंग सेवा दी जा रही है.
लोन आसानी से मिले, इस दिशा में भी उठाए दो कदम हैं महत्वपूर्ण
एसटी, एससी वर्ग के बच्चों के लिए उच्च शिक्षा के लिए बैंकों से आसानी से लोन मिले, इसके लिए जनजातीय सलाहकार परिषद की एक उपसमिती जल्द ही राज्य की सीमा से सटे जनजातीय बाहुल्य राज्यों का दौरा करेगी. इस दौरान उपसमिति वहां के जनजातीय बच्चों को बैंकों द्वारा सुलभतापूर्वक उपलब्ध कराए जा रहे ऋण के संबंध में गहन अध्ययन करेगी. ऐसे राज्यों में छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्यप्रदेश एवं राजस्थान शामिल हैं. वहीं दूसरे प्रमुख कदम में शिक्षा लेने में कम ब्याज दर पर लोन दिलाने के लिए हाल ही में राज्य सरकार ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड लाने की घोषणा भी की है.
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