NewDelhi : पीएम मोदी ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत को हमेशा तैयार है. किसानों से कृषि मंत्री द्वारा किया गया वादा आज भी कायम है. किसानों से सरकार सिर्फ एक फोन कॉल दूर है. बजट सत्र (2021-22) को लेकर शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को लेकर यह बातें कहीं.
In 11th Centre-farmer negotiation, we’d said that Govt is open for discussion. Agri Minister had said that he’s just a phone call away, whenever you give a call he’s ready for discussion. It still stands good. This is what PM said (in all-party meet): Union Minister Pralhad Joshi pic.twitter.com/5TRsXt1eLK
— ANI (@ANI) January 30, 2021
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बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, टीएमसी के सुदीप बंद्योपाध्याय शामिल हुए
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, शिवसेना सांसद विनायक राउत और शिरोमणि अकाली दल के बलविंदर सिंह भुंडर ने किसान आंदोलन पर अपना पक्ष रखा.
जदयू के राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने कृषि कानूनों का समर्थन किया. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्यराज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल और वी मुरलीधरन भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए.
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केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक के बारे में जानकारी दी
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार और किसानों की 11वीं बैठक में हमने कहा था कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है. कृषि मंत्री ने कहा था कि वह सिर्फ एक फोन कॉल दूर हैं. जब भी आप एक कॉल देते हैं तो वह चर्चा के लिए तैयार होते हैं.
सर्वदलीय बैठक में पीएम ने यही बात कही. बता दें कि आमतौर पर इस तरह की सभी बैठकें संसद के सत्र से पहले होती थीं, ताकि दोनों सदनों की कार्यवाही सुगमता से हो सके. इस वर्चुअल बैठक के दौरान, विपक्षी दलों द्वारा किसान आंदोलन पर चर्चा कराने की मांग की संभावना पहले से ही थी.
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किसान तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर डटे हुए हैं
बता दें कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले दो महीनों से प्रदर्शनकारी किसान केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए डटे हुए हैं. हालांकि, विपक्षी दलों ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गयी एक सर्वदलीय बैठक में यही मांग की.
सरकार ने सुझाव दिया कि किसान आंदोलन का मुद्दा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उठाया जा सकता है, जिसके लिए लोकसभा में दो, तीन और चार फरवरी को 10 घंटे का समय आवंटित किया गया है.