NewDelhi : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल एक फरवरी को देश का आम बजट पेश करेंगी. कोरोना काल में पेश किये जा रहे इस बजट पर देश का हर वर्ग टकटकी लगाये बैठा है. हर बार की तरह इस बार भी मध्यम वर्ग इनकम टैक्स को लेकर बड़ी आस में बैठा है.
बीते साल इनकम टैक्स स्लैब में छूट की उम्मीद की जा रही थी लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स को एक नया विकल्प दे दिया. अब ऐसा माना जा रहा है कि बजट में नये टैक्स विकल्प को केंद्र सरकार आकर्षक बनाने पर जोर दे सकती है. इसके लिए नये विकल्प में प्रोविडेंट फंड (PF) और लीव ट्रैवल कन्सेशन (LTC) पर टैक्स छूट दी जा सकती है.
केंद्र सरकार ने पिछले साल के बजट में नयी इनकम टैक्स व्यवस्था पेश की थी. इसमें सात टैक्स स्लैब 0%, 5%, 10%, 15%, 20%, 25% और 30% बनाये गये थे. नयी टैक्स व्यवस्था में तमाम इन्वेस्टमेंट पर मिलने वाली छूट को नहीं शामिल किया गया है. यही वजह है कि लोगों की दिलचस्पी बहुत ज्यादा नहीं रह गयी है.
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इनकम टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रुपये की जा सकती है
पुराने टैक्स स्लैब के अनुसार 2.5 लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं देना होता है. 2.5-5 लाख रुपये तक इनकम टैक्स को 5 फीसदी स्लैब में रखा गया है जबकि 5-10 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी इनकम टैक्स लगाया जाता है. 10 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी आयकर देना होता है.
बता दें कि 5 लाख की आय पर रीबेट मिलता है. हालांकि, इस बार के बजट में पुराने टैक्स स्लैब में बदलाव की मांग की जा रही है. टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जा सकता है. बता दें कि सैलरीड क्लास के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने के अलावा नौकरीपेशा और आम लोगों के लिए करमुक्त दीर्घकालीन बचत योजना लाने की भी मांग हो रही है.
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80D के तहत बढ़ सकती है छूट
बजट में सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाली छूट की लिमिट भी बढ़ाने की मांग हो रही है. फिलहाल 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए यह छूट 25 हजार है. लोगों की मांग है कि इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर देना चाहिए. इसके पीछे बढ़ते मेडिकल खर्चों का हवाला दिया गया है. कोरोना वायरस महामारी के बीच लोगों के बीच मेडिकल इंश्योरेंस को लेकर सजगता भी बढ़ी है. अगर सरकार 80D की लिमिट को बढ़ाती है तो मेडिकल कवरेज का दायरा भी तेजी से बढ़ेगा.
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स्टैंडर्ड डिडक्शन 1 लाख करने की मांग
टैक्स एक्सपर्ट्स मानते हैं कि वर्क फ्रॉम होम की वजह से सैलरीड क्लास के ऊपर दूसरे खर्चों का बोझ पड़ा है. ऐसे में सरकार बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर राहत दे सकती है. अभी सैलरीड क्लास को 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है. इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने की मांग हो रही है.