Bermo: मामला बेरमो के नवाडीह प्रखंड के पेंक पंचायत के कडरूखुट्टा का है. यहां के निवासी लालचंद महतो का शव इराक से 40 दिन बाद रविवार को पहुंचा. शव के पहुंचते ही ग्रामीणों की भीड़ जुट गयी. स्थानीय जनप्रतिनिधियों और डॉक्टरों की सलाह पर दांह-संस्कार के लिए ले जाया गया.
बताया जाता है कि लालचंद महतो की पारिवारिक स्थिति ठीक नही थी. रोजगार के लिए वह इराक काम करने गया था. वह पिछले 14 वर्षों से इराक के कुरदिस्तान स्थित स्टील प्लांट में काम करता था. 24 दिसंबर 2020 को उसके क्वार्टर में शार्टसर्किट से आग लग गयी थी. इसमें वह बुरी तरह झुलस गया था. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
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मृतक के भाई जयनंदन महतो ने बताया कि इराक से शव लाने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ा. 40 दिन बाद इराक से हवाई जहाज से शव कोलकाता लाया गया. वहां से सड़क मार्ग से घर लाया गया. मृतक लालचंद महतो के तीन बच्चे हैं. दो बेटे कुंजलाल महतो 15 वर्ष और रोहित कुमार महतो 14 वर्ष के हैं. एक बेटी पूजा कुमारी की उम्र 10 वर्ष है. पत्नी गंगिया देवी सहित परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है.
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दूसरी तरफ बैजनाथ महतो के शव का भी उनके परिजन इंतजार कर रहे हैं. बेरमो के ही नावाडीह प्रखंड क्षेत्र के ऊपरघाट स्थित नारायणपुर के प्रवासी मजदूर बैजनाथ महतो की मौत आठ माह पहले लॉकडाउन के समय हो गया था. आठ माह बीत जाने के बाद भी शव परिजनों को नही मिल पाया है. मृतक की पत्नी चमेली देवी आज भी अपने पति के इंतजार में है. बैजनाथ महतो अपने 23 साथियों के साथ मुंबई के कुडूस से ट्रक बुक कर घर लौट रहा था.
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