Ranchi: महात्मा नीति बाई हरिद्वार की रहने वाली है. वे रांची के हरमू मानव उत्थान सेवा आश्रम समिति में रहती है. उन्हें खाना हजम नही हो रहा था. रिम्स आने के बाद पता चला कि ओवरी में कैंसर है. दो सप्ताह पहले रिम्स आने के बाद जांच की गई. इसके बाद कैंसर सर्जरी विभाग में सर्जरी हुई. अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है. अभी अस्पताल के वार्ड में भर्ती है. एक दो दिनों बाद उन्हें छूट्टी दे दी जाएगी.
रिम्स के कैंसर सर्जन डा. रोहित झा ने कहा कि अगर किसी मरीज को थर्ड स्टेज में भी कैंसर का पता चलता है तब भी वह सामान्य जिंदगी जी सकता है. समय पर इलाज की जरूरत है. कहा कि कैंसर सबसे गंभीर बीमारी है. इससे पूरा विश्व प्रभावित है. लेकिन डरने की कोई बात नही है. इसका इलाज संभव है.
पिछले एक साल में 400 मेजर और 700 से अधिक हो चुकी है माइनर सर्जरी
उन्होंने बताया कि एक आंकड़े के अनुसार देश भर में हर साल 1.2 मिलियन लोग कैंसर की चपेट में आते है. इसमें से 7 से 8 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है. झारखंड का वर्तमान में डाटा स्पष्ट नही है. लेकिन 2016 के आंकड़े के अनुसार हर साल 70 से 80 हजार लोग कैंसर की चपेट में आ रहे थे. इसमें से 8 से 10 हजार लोगों की मौत हो रही थी. अब यह डाटा काफी बढा है.
पुरुषों में ओरल कैंसर और महिलाओं में सर्वाइकल व स्तन कैंसर के मरीज हैं
कैंसर सर्जन डा. रोहित झा के अनुसार सबसे अधिक ओरल कैंसर के मरीज अस्पताल आते है. इसमें पुरुषों की संख्या अधिक होती है. इसके बद महिलाओं में बच्चादानी और स्तन कैंसर के मरीज आते है. इन दोनों स्टेज से परे लंग्स कैंसर के भी मरीजों में इजाफा हुआ है. लंगस कैंसर का प्रमुख कारण यहां के कलकारखाने हैं.
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प्रदूषित धुऐं से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा ध्रुम्रपान भी कैंसर का प्रमुख कारण है. डा. रोहित ने रिकवरी से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि कोई भी मरीज अगर सही स्टेज में अस्पताल पहुंच जाए, तो 80 फीसद उम्मीद है कि वह पूरी तरह ठीक हो सकता है. थर्ड स्टेज तक भी अस्पताल पहुंचे तो उसे ठीक किया जा सकता है. चौथे स्टेज के मरीजों के लिए रेडियोथरेपी, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी उपलब्ध है. इससे भी बीमारी को नियंतत्रित किया जा सकता है.
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-400 से अधिक मरीजों का रिम्स के कैंसर विभाग में हुई है मेजर सर्जरी
-700 से अधिक मरीजों की हो चुकी है माइनर सर्जरी
-5400 मरीजों ने पिछले एक साल में कैंसर ओपीडी में लिया है परामर्श
-2585 मरीज हुए एक साल में अस्पताल में भर्ती
माह ओपीडी मरीजों की संख्या भर्ती मरीजों की संख्या
जनवरी – 767 – 344
फरवरी – 932 – 335
मार्च – 714 – 217
अप्रैल – 147 – 64
मई – 201 – 71
जून – 711 – 198
जुलाई – 755 – 261
अगस्त – 495 – 219
सितंबर – 572 – 265
अक्टूबर – 69 – 170
नवंबर – 31 – 185
दिसंबर – 6 – 256
जनार्धन भी आए थे कैंसर की चपेट में, अब पूरी तरह स्वस्थ
रांची के रहने वाले 62 वर्षीय जनार्धन यादव ओरल कैंसर से पीड़ित थे. तंबाकू के सेवन से पहले मसूड़ों में सूजन हुआ. जांच के बाद पता चला कि मुंह का कैंसर है. भागलपुर में दिखाने के बाद रिम्स रेफर किया गया. यहां से वे वेल्लोर चले गए.
इलाज में अधिक समय लगने के कारण उन्हें वापस रिम्स में भर्ती कराया गया. डा. रोहित झा की देखरेख में इलाज चला. अब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं. दो दिन बाद वे फिर रूटिन चेकअप के लिए रिम्स आने वाले हैं. पेशे से किसान हैं. जनार्धन यादव स्वस्थ होने के बाद फिर खेती में लग चुके हैं.
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