Ayodhya: दशकों बाद अयोध्या को मंदिर-मस्जिद की लड़ाई से निजात मिली थी लेकिन एक बार फिर से वहां एक नया विवाद शुरु हो गया है. दरअसल सुप्रिम कोर्ट ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ़ बोर्ड को मस्ज़िद के लिए 29 एकड़ जमीन आवंटित करने का आदेश दिया था. जिसके बाद वहां मस्जिद का काम भी शुरु हो चुका है. अब इस जमीन को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया.
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29 एकड़ में से 5 एकड़ जमीन विवादित बताया गया है
दिल्ली में रहने वाली दो महिलाओं ने इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल कर मस्जिद के लिए आवंटित 29 एकड़ में से 5 एकड़ जमीन को विवादित बताया है. दोनो महिला रानी कपूर पंजाबी और रमा रानी पंजाबी ने 5 एकड़ जमीन पर अपना हक जताया है. महिला ने अपने याचिकी में लिखा है इस जमीन से संबंधित एक मुकदमा बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के समक्ष विचाराधीन है.
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8 फरवरी को मामले में सुनवाई हो सकती है
बताया जा रहा 8 फरवरी को मामले में सुनवाई हो सकती है. सुप्रिम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार ने धन्नीपुर गांव में मस्जिद के लिए ये जमीन आंवटित किया था. 26 जनवरी 2021 को मस्जिद का शिलान्यास भी किया जा चुका है.
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बंटवारे के बाद पाकिस्तान के पंजाब से आया था परिवार
रानी कपूर पंजाबी व रमा रानी पंजाबी ने अपनी याचिका में कहा है कि देश के बंटवारे के बाद उनके माता-पिता पाकिस्तान के पंजाब से आए थे. वे फैजाबाद जनपद में ही बस गए. उस समय उन्हें नजूल विभाग में ऑक्शनिस्ट के पद पर नौकरी भी मिली. उन्होंने बताया है कि उनके पिता ज्ञान चंद्र पंजाबी को 1560 रुपये में पांच साल के लिए फैजाबाद के धन्नीपुर गांव और उसके आसपास के लगभग 28 एकड़ जमीन का पट्टा दिया गया था.
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आसामी के नाम से जमीन सम्बंधित राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज था
पांच साल के बाद भी वो जमीन उनके परिवार के ही उपयोग में रही. उनके पिता आसामी के नाम से वो जमीन सम्बंधित राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज हो गया. साल 1998 में सोहावल एसडीएम ने उनके पिता का नाम उस जमीन के सम्बंधित रिकॉर्ड से हटा दिया. जिसके खिलाफ उनकी मां ने अपर आयुक्त के यहां लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ी और सफलता हासिल की थी.
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