Krishan Iyer
राशन व्यवस्था (PDS) समाप्त करने का सबसे बड़ा कदम उठाया जा चुका है. केरोसिन तेल से सब्सिडी खत्म कर दी गई है. बहुत नाममात्र सब्सिडी थी. पर 1 अप्रैल 2021 से वह भी खत्म होने वाली है.
वर्ष 2021-22 के बजट में केरोसिन सब्सिडी खत्म कर दी गई. ये काम 2016 से चल रहा था. इसे आप इन आंकड़ों से समझ सकते हैं. वर्ष 2019-20 में सब्सिडी थी 4058 करोड़. वर्ष 2020-21 में सब्सिडी थी 2677 करोड़. इस बार इसे नाममात्र ही रखा गया है.
केरोसिन “गरीबों का पेट्रोल” है. ग्रामीण जीवन आज भी केरोसिन पर निर्भर है. अब केरोसिन 30 रुपये से 36 रुपये प्रति लीटर है. PDS का एक आइटम गायब कर दिया. अगर हर गरीब को गैस फ्री भी मिलता है, तो भी केरोसिन की जरूरत भारत में कभी खत्म नहीं होगी.
ठीक ऐसे ही LPG की सब्सिडी भी अगले साल खत्म हो जाएगी. इसे भी आप इन आंकड़ों से समझ लें. वर्ष 2019-20 में 35,605 करोड़, वर्ष 2020-21 में 25,520 करोड़ रुपये गैस सब्सिडी पर खर्च किया गया. वर्ष 2021-22 में इसे और कम करते हुए 12,480 करोड़ प्रस्तावित किया गया है. आंकड़े यह अंदाज लगाने के लिये काफी है कि गैस सब्सिडी की राशि को सरकार अगले एक-दो साल में शून्य पर ला देगी.
कहा यह गया कि इनकम टैक्स देने वालों को सब्सिडी की क्या जरूरत? अरे भाई, जो टैक्स देता है उसका तो सब्सिडी पर हक बनता है. और जो गरीब है उसे सब्सिडी देना सरकार का काम है. मोदी सरकार में दोनों का सब्सिडी खत्म कर दिया गया.
सवाल यह उठना चाहिए कि जब सब्सिडी खत्म, किसानी खत्म, FCI खत्म, रेल, एयरपोर्ट, SAIL, BHEL, ट्रांसपोर्ट सब खत्म. तो राशन व्यवस्था खत्म होने में अब कितना वक्त बचा है? तो इसका जवाब यही है कि वर्ष 2021 खत्म-राशन व्यवस्था भी खत्म.
डिस्क्लेमर : ये लेखक के निजी विचार हैं.
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