Dinesh Panday
Bokaro : मनरेगा योजना से स्वीकृत तीन कुओं का निर्माण नहीं हुआ, लेकिन स्वीकृत राशि सरकारी खाते से निकाल ली गई. अब इसकी जिम्मेदारी भी कोई अधिकारी, प्रतिनिधि लेने को तैयार नहीं. लाभुक ने एसडीओ का दरवाजा खटखटाया है. मामला बोकारो जिले के पेटरवार प्रखंड के उलगड़ा और चिपूदाग का है. सामाजिक कार्यकर्ता न्याय दिलाने के लिए लाभुकों को लेकर सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं. बता दें कि उलगड़ा के कटहल टोला निवासी लाभुक मुकुंद कुमार के नाम से 25 जून 2014 को कुआं स्वीकृत हुआ था. काम भी शुरू हुआ, लेकिन पैसे के अभाव में बंद हो गया, आजतक स्थिति यथावत है.
कर्मियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत
स्थानीय पंचायत सेवक,रोजगार सेवक सहित जनप्रतिनिधियों की मिली भगत से इस मद की राशि 1 लाख 3 हजार,374 रुपये की निकासी भी कर ली गयी. चिपूदाग निवासी बिजली कुमार के नाम से एक कूप निर्माण 22 दिसंबर 2017 में स्वीकृत हुआ. बिजली की जमीन पर दो जगहों पर खुदाई की गई. लगभग 17 फीट गहरी खाई बनायी गयी. मजदूरी मद में 70,224 रुपये की निकासी की गई, लेकिन कुएं का निर्माण अधर में लटका हुआ है.
राज्यपाल से मिलने की वकालत
समाजसेवी रूबी देवी ने कहा कि इस मामले से राज्यपाल को अवगत कराऊंगी. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करूंगी. बता दें कि चिपूदाग वाले मामले में रोजगार सेवक को बर्खास्त किया जा चुका है, लेकिन कुआं नहीं बना.
कहते हैं मनरेगा अधिकारी
मनरेगा के बीपीओ शत्रुघ्न कुमार ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. जांच कराई जा रही है, दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
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