Ghatshila : बहरागोड़ा के विधायक समीर महंती ने गुरुवार को विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रश्न के तहत मनरेगा के सामाजिक अंकेक्षण का मामला उठाया. उन्होंने सदन का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि झारखंड में सोशल ऑडिट यूनिट द्वारा ग्राम सभा के अधिकार का हनन कर चार जनवरी 2022 से मनरेगा का सामाजिक आर्थिक अंकेक्षण कराया जा रहा है. जिसका ग्राम सभा लगातार विरोध कर रही है. मनरेगा के अनुच्छेद 17(2) में कहा गया है कि ग्राम सभा मनरेगा के अंतर्गत किसी ग्राम पंचायत में चल रही योजनाओं का नियमित सोशल ऑडिट करेगी. अनुच्छेद 17(3) में कहा गया है कि ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी है कि सामाजिक अंकेक्षण हेतु सभी जरूरी कागजात की प्रतिलिपि ग्राम सभा को उपलब्ध कराएं
जिसके तहत 2011- 12, 2013- 14 तक झारखंड सरकार के निर्देशानुसार ग्राम सभा द्वारा गठित सामाजिक अंकेक्षण दल द्वारा सामाजिक अंकेक्षण किया गया. परंतु झारखंड में पिछले 5 साल से सामाजिक अंकेक्षण की जिम्मेदारी सोशल ऑडिट यूनिट को दी गयी है जो ग्राम सभा के अधिकार का हनन है.
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विधायक ने ध्यानाकर्षण के दौरान सोशल ऑडिट यूनिट के द्वारा कराए जा रहे मनरेगा के सामाजिक अंकेक्षण को तत्काल स्थगित करते हुए ग्राम सभा के द्वारा गठित सामाजिक अंकेक्षण टीम द्वारा सामाजिक अंकेक्षण कराने की मांग की. ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम ने जवाब देते हुए कहा कि झारखंड में इस वर्ष प्रारंभ हुई सामाजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया में संशोधन कर ग्राम सभा द्वारा तीन सहयोगी दल सदस्यों को चयनित करने का प्रावधान किया किया जाएगा. जो सोशल ऑडिट टीम को क्षेत्र सत्यापन में सहयोग करेगी. इससे कि ग्रामसभा की भूमिका और भी प्रत्यक्ष रूप से स्थापित होगी.