LagatarDesk : एनएसई की पूर्व सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्ण को सीबीआई ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. को-लोकेशन मामले में सीबीआई ने उनकी गिरफ्तारी हुई है. चित्रा रामकृष्ण को सीबीआई के मुख्यालय में रखा गया है. इससे पहले शनिवार को दिल्ली की एक अदालत ने चित्रा रामकृष्ण की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
आईटी डिपार्टमेंट ने चित्रा के कई ठिकानों पर मारा था छापा
दरअसल चित्रा रामकृष्णा NSE से जुड़ी गोपनीय जानकारियां हिमालय में रहने वाले एक अज्ञात ‘योगी’ से शेयर करने को लेकर जांच का सामना कर रही हैं. इस मामाले में सीबीआई ने चित्रा से पूछताछ की थी. वहीं इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मुंबई और चेन्नई में चित्रा रामकृष्ण से जुड़े कई ठिकानों पर छापा भी मारा था.
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NSE के कामकाज से जुड़ी कई तरह की अनियमितताएं दर्ज
जान लें कि मार्केट रेगुलेटर सेबी द्वारा पिछले माह जारी 190 पेज की एक रिपोर्ट ने देश के वित्तीय हलकों में तूफान मचा दिया है. इस रिपोर्ट में NSE के कामकाज से जुड़ी कई तरह की अनियमितताएं दर्ज है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 के बीच एक्सचेंज की प्रमुख रहीं चित्रा एक अज्ञात योगी के कहने पर 20 साल तक कई छोटे-बड़े फैसले लेती रही थीं.
आनंद सुब्रमण्यम सीबीआई की हिरासत में
मालूम हो कि को-लोकेशन मामले में सीबीआई ने आनंद सुब्रमण्यम को चेन्नई से गिरफ्तार किया था. दिल्ली की अदालत ने आनंद को छह मार्च तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया है. सेबी की रिपोर्ट पर नजर डालें तो आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति को लेकर कई तरह के सवाल खड़े किये गये हैं. आनंद को 2013 में 1.68 करोड़ रुपये के पैकेज के साथ NSE में चीफ स्ट्रेटेजिक एडवाइजर नियुक्त किया गया था.
2016 में सालाना पैकेज बढ़कर 4.21 करोड़ पर पहुंच गया
इससे पहले आनंद एक कंपनी में 15 लाख रुपये से कम के सालाना पैकेज पर काम करते थे. इसके बाद NSE में उन्हें नंबर दो की पोजिशन दे दी गयी थी. अप्रैल, 2015 में उनका सालाना पैकेज बढ़ कर 3.33 करोड़ रुपये हो गया. साथ ही आनंद को NSE का ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (GOO) और एमडी एवं सीईओ चित्रा रामकृष्णा का एडवाइजर का पद मिल गया. 2016 में उनका सालाना पैकेज बढ़कर 4.21 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था.
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