Ranchi: झारखंड विधानसभा 10वीं अनुसूची के तहत दल बदल मामले में याचिका दायर करने के अधिकार को व्यापक करने की तैयारी कर रही है. झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमिटी ने इसे लेकर एक प्रस्ताव मंगलवार को विधानसभा में रखा. प्रस्ताव में यह कहा गया है कि दल बदल मामले में अब आम नागरिक भी स्पीकर के न्यायाधिकरण में याचिका दायर कर सकता है. वहीं 10वीं अनुसूची मामले में स्पीकर को स्वतः संज्ञान लेने के मिले अधिकार को भी विलोपित करने का प्रस्ताव किया गया है. इस प्रस्ताव पर विधानसभा सदस्यों से 14 मार्च तक संसोधन मांगा गया है.
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स्पीकर की न्यायाधिकरण में अब तक विधायक सांसद ही दायर कर सकते थे याचिका
समिति की बैठक में भी यह प्रस्ताव रखा गया कि दल बदल मामले में आम नागरिकों को स्पीकर की न्यायाधिकरण में याचिका डालने का अधिकार मिले. प्रस्ताव पास होने के बाद जनता को भी यह अधिकार मिल जायेगा कि वह अपने जनप्रतिनिधि को दल बदलने पर न्यायाधिकरण के समक्ष खड़ा कर सकते हैं. बता दें कि अब तक दल बदल कानून के तहत स्पीकर के न्यायाधिकरण में विधायक और सांसद ही याचिका दायर कर सकते थे। अब जब विधानसभा से यह प्रस्ताव पारित हो जायेगा तो आम नागरिक दल बदलने वाले विधायकों को कटघरे में खड़ा कर सकेंगे.
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मुख्यमंत्री प्रश्नकाल को विलोपित करने की तैयारी
वहीं झारखंड विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली से मुख्यमंत्री प्रश्नकाल को विलोपित करने की भी तैयारी शुरू हो गयी है. स्पीकर की अध्यक्षता में हुए विधानसभा की नियम समिति की बैठक में यह तय हुआ कि कार्यसंचालन नियमावली की धारा 52 को विलोपित किया जाये. साथ ही धारा 304(2) के तहत प्रतिदिन शून्यकाल की सूचना 15 को बढ़ा कर 25 किया जाये. इसके अलावा धारा 34(3) के अंतर्गत सत्र के दौरान अल्पसूचित प्रश्न को 14 दिन पहले सभा सचिवालय में जमा करने को भी विलोपित किया जाये. नियम समिति के सदस्य और झामुमो विधायक दीपक बिरुआ ने समिति की अनुशंसा को मंगलवार को सदन पटल पर रखा। इसपर स्पीकर ने यह नियमन दिया कि समिति की अनुशंसा पर सभी विधायक 14 मार्च तक संशोधन दे सकते हैं. समिति में इस बात पर चर्चा हुई कि जब मुख्यमंत्री सत्रावधि के दौरान सदन में उपस्थित रहते हैं तो अलग से मुख्यमंत्री प्रश्नकाल का कोई औचित्य नहीं है. यह भी देखा गया है कि मुख्यमंत्री प्रश्नकाल में नीतिगत प्रश्न का अभाव रहता है। सोमवार को आधे घंटे के इस समय का उपयोग दूसरे काम में किया जा सकता है.