LagatarDesk : अगर आप भी एलआईसी के आईपीओ में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आप के लिए खुशखबरी है. एलआईसी के आईपीओ को सेबी से हरी झंडी मिल गयी है. मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने एलआईसी के ड्रॉफ्ट रेड हेयरिंग प्रॉस्पेएक्ट्स् (DRHP) को मंजूरी दे दी है. सेबी ने एलआईसी के DRHP के लिए फाइनल observation लेटर जारी किया है. इसके साथ ही अब एलआईसी आईपीओ को बाजार में आने का रास्ता साफ हो चुका है.
पहली बार किसी ड्राफ्ट पेपर को इतनी जल्दी मिली मंजूरी
बता दें कि एलआईसी ने सेबी के पास 13 फरवरी को ड्राफ्ट पेपर जमा किया था. ड्राफ्ट पेपर जमा करने के 22 दिन के भीतर सेबी ने आईपीओ के लिए मंजूरी दे दी है. इससे पहले सेबी ने किसी भी आईपीओ के ड्राफ्ट को इतनी जल्दी मंजूरी नहीं दी थी. DRHP को पास करने के लिए सेबी कम से कम 21 दिन का समय लेती है. माना जा रहा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण एलआईसी का आईपीओ टल सकता है. लेकिन सेबी की मंजूरी से यह साफ हो गया है कि एलआईसी का आईपीओ टलेगा नहीं. बल्कि यह बहुत जल्द मार्केट में लॉन्च हो सकता है.
ओएफएस के जरिये 63000 करोड़ जुटायेगी सरकार
बता दें कि यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है. इस आईपीओ के जरिये सरकार 63,000 करोड़ जुटायेगी. सरकार इस आईपीओ के जरिये एलआईसी में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS ) के जरिए इश्यू की जायेगी. OFS में 31.6 करोड़ से अधिक शेयरों की बिक्री की जायेगी.
पॉलिसी होल्डर्स के लिए 10 फीसदी शेयर रहेंगे रिजर्व
आईपीओ के ड्राफ्ट के अनुसार, एलआईसी के कुल 632 करोड़ शेयर होंगे. इनमें से करीब 31.6 करोड़ शेयर आईपीओ में बेचे जायेंगे. इस आईपीओ में एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स के लिए अलग से एक हिस्सा रिजर्व रखा जा रहा है. ड्राफ्ट में एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स के लिए 10 फीसदी यानी करीब 3.16 करोड़ शेयर रिजर्व रखने का प्रस्ताव किया गया है. इसमें QIBs के लिए 50 फीसदी शेयर रिजर्व होंगे. जबकि गैर-संस्थागत इन्वेस्टर्स के लिए 15 फीसदी हिस्सा अलग रखा जायेगा.
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