LagatarDesk : फिनटेक कंपनी BharatPe से जुड़ा विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में हर दिन नया मोड़ सामने आ रहा है. ताजा विवाद कंपनी के को-फाउंडर भाविक कोलडिया की हिस्सेदारी को लेकर है. जिसका एक हिस्सा अशनीर ग्रोवर के पास है. रिपोर्ट की मानें तो BharatPe के बोर्ड ने इस नये विवाद में किसी तरह का हस्तक्षेप करने से इनकार किया है. ऐसे में अब शेयर होल्डर्स को मिलकर ही यह विवाद सुलझाना पड़ेगा.
कोलडिया के शेयर ग्रोवर और नकरानी के नाम हुए थे ट्रांसफर
जानकारी के अनुसार, भारतपे को भाविक कोलडिया और शाश्वत नकरानी ने मिलकर मार्च 2018 में इनकॉरपोरेट किया था. भारतपे को 1 लाख रुपये के इनिशियल कैपिटल के साथ शुरू किया गया था. भारतपे के शुरुआती दिनों में कोलडिया के पास सबसे ज्यादा हिस्सेदारी थी. लेकिन बाद में वह अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचकर कंपनी से हट गये थे. जिसके बाद कोलडिया की हिस्सेदारी नकरानी और ग्रोवर के नाम ट्रांसफर कर दी गयी थी. जुलाई 2018 में ग्रोवर के पास भारतपे की 31.9 फीसदी हिस्सेदारी थी.
इसे भी पढ़े : साहिबगंज में विस्फोटक लदा वाहन जब्त, दो गिरफ्तार
अशनीर ग्रोवर को 100 करोड़ रुपये के शेयरों का हुआ नुकसान
दूसरी तरफ पिछले कुछ दिनों से चल रहे विवादों में अशनीर ग्रोवर को करीब 100 करोड़ रुपये के शेयरों का नुकसान हुआ है. एक इंटरव्यू में ग्रोवर ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने उनसे करीब 100 रुपये का स्टॉक ऑप्शन छीन लिया. ग्रोवर ने बताया कि उन्होंने करीब 100 करोड़ रुपये के मैनेजमेंट स्टॉक ऑप्शन छोड़ दिये जो मुझे मिले थे. उन्होंने माधुरी जैन (अशनीर की पत्नी और भारतपे की पूर्व हेड ऑफ कंट्रोल्स) से भी धोखाधड़ी की और उसके भी 12 करोड़ रुपये के इक्विटी छीन लिए.
इसे भी पढ़े : संजय राउत ने शेयर किया जांच एजेंसियों को लेकर राहुल गांधी का पत्र, शुक्रिया राहुल जी, मिल कर लड़ना होगा…
सरकार अब अपने स्तर पर मामले की करेगा जांच
रिपोर्ट्स की मानें को केंद्र सरकार भारतपे के खिलाफ जल्द जांच शुरू करने वाली है. एक सराकारी अधिकारी ने बताया कि केंद्र सराकार ने पूरे विवाद की अपने स्तर पर जांच करने का निर्णय लिया है. कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (MCA) शुरुआती जांच करेगा. यह फिलहाल फैक्ट-फाइंडिंग एक्सरसाइज की तरह होगा. अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय के पास जानकारी मंगाने, खातों की जांच करने और शेयरधारकों व इन्वेस्टर्स के हितों से जुड़ी बातों में इन्क्वायरी करने का अधिकार है. उन्होंने बताया कि इस जांच में भारतपे के बोर्ड के द्वारा कराये गये हालिया ऑडिट पर भी गौर किया जायेगा.
इसे भी पढ़े : 1 अक्टूबर से क्रिकेट नियमों में बदलाव, गेंद में थूक लगाना बैन, Mankading को माना जायेगा रनआउट
ग्रोवर का ऑडियो वायरल होने से शुरू हुआ विवाद
बता दें कि इस विवाद की शुरुआत ग्रोवर के एक ऑडियो वायरल होने से हुई. जिसमें ग्रोवर एक आईपीओ में प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट नहीं मिलने के कारण कोटक महिंद्रा बैंक के कर्मचारी को गालियां दे रहे हैं. हालांकि ग्रोवर ने इसे ट्वीट कर फेक बताया था. हालांकि बाद में उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया था. इसके बाद ऑडिट के आधार पर बोर्ड ने आरोप लगाया कि ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ने मिलकर भारतपे के फंड का दुरुपयोग किया.
अशनीर ग्रोवर को कंपनी के सभी पदों से हटाया गया
हाल ही में कंपनी के बोर्ड ने ग्रोवर को सभी पदों से हटाने का निर्णय लिया था. साथ ही कंपनी ने यह भी बताया था कि फाइनेंशियल मिसडीड को लेकर वह ग्रोवर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने वाली है. इससे एक दिन पहले ग्रोवर ने बोर्ड के नाम इमोशनल लेटर लिखकर इस्तीफा दे दिया था. ग्रोवर ने रिजाइन करते हुए लेटर में कई भावुक बातें की थीं. साथ ही बोर्ड पर कई गंभीर आरोप भी लगाये थे. उन्होंने लेटर में फिर से दोहराया था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.