LagatarDesk : रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमत में भारी उछाल देखने को मिल रहा था. हालांकि भारत की जनता के लिए थोड़ी राहत भरी है. क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट आयी है. 130 डॉलर प्रति बैरल मिलने वाले कच्चे तेल की कीमत घटकर 111 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गयी है.
रिकॉर्ड स्तर से कच्चे तेल के दाम में 13 फीसदी की गिरावट
ब्रेंट फ्यूचर पर कच्चे तेल की कीमत 13 फीसदी घटकर 111 डॉलर प्रति बैरल पर आ गयी है. मंगलवार को भी कच्चे तेल के दाम में 18 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. ब्रेंट क्रूड की कीमत 113 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे आ गया था. इससे पहले इसी हफ्ते ब्रेंट क्रूड 139 डॉलर प्रति बैरल के स्तर के करीब पहुंच गया था.
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कीमतों में नियंत्रण के लिए यूएई बढ़ायेगा का तेल उत्पादन
बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात जो तेल उत्पादक देशों का संगठन ओपेक देशों का सदस्य है वो कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी करेगा. इससे कीमतों पर नियंत्रण हो पायेगा. अगर ऐसा हुआ तो सप्लाई में कमी को बढ़ाने में मदद मिलेगी. क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सप्लाई बाधित हुई है. वहीं अमेरिका ने रूस से तेल आयात पर रोक लगा दिया है जिसके कच्चे तेल में कमी की आशंका जताई जा रही है.
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भारत अपने खपत का 80 फीसदी तेल करता है आयात
बहरहाल संयुक्त अरब अमीरात के कच्चे तेल के उत्पादन बढ़ाने के फैसले से भारत को भी फायदा होगा. भारत अपने खपत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. पिछले दिनों कच्चे तेल के दाम 139 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया था.
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तेल के दाम बढ़ने से कंपनियों को हो रहा भारी नुकसान
कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाये. इससे सरकारी तेल कंपनियों को नुकसान झेलना पड़ रहा. जिसके कारण आशंका जताई जा रही थी कि तेल कंपनियां नुकसान की भरपाई के लिए पेट्रोल डीजल के दाम में 15 रुपये प्रति लीटर बढ़ायेंगे.
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