Jamshedpur : सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल चिलगू की रहने वाली सविता सिंह (31) ने मंगलवार की दोपहर जहर खाकर आत्महत्या कर ली. घटना के बाद मायका पक्ष के लोग शर्बत में जगह मिलाकर पिलाने का आरोप लगा रहे हैं. हालत बिगड़ने पर ससुरालवालों ने इलाज के लिये एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया था. देर रात जब मायकावाले पहुंचे तब मामला खुला. सविता की मौत के बाद पुलिस ने शव का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिये बुधवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेज दिया है.
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क्या कह रहे हैं ससुराल पक्ष के लोग
ससुराल पक्ष की ओर से सविता का देवर राजू का कहना है कि घटना के समय उसकी मां गीता रानी और बड़े भाई राशन लाने के लिये घर से बाहर गये हुये थे. जब वे दोपहर के समय लौटे तब दरवाजे के पास ग्लास पटकने की आवाज आयी थी. इसके बाद वे लोग बहू के पास दौड़े. देखा कि वह बेसुध हो गयी है. इसके बाद गांव के ही डॉक्टर पीके चौधरी को बुलाया और उसे नमक-निंबू का घोल पिलाकर उल्टी कराया गया. इसके बाद मंगलवार को 1.30 बजे एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां पर इलाज के क्रम में ही 2.30 बजे सविता की मौत हो गयी थी.
क्या कह रहे हैं मायका पक्ष के लोग
मायका पक्ष के लोगों का कहना है कि वे सिल्ली के रहने वाले हैं. उन्हें देर रात घटना की जानकारी दूसरे लोगों से मिली उसके बाद वे किसी तरह से सिल्ली से रात के 2 बजे एमजीएम अस्पताल पहुंचे. अस्पताल में ससुराल पक्ष के लोग नहीं थे. उनका आरोप है कि सविता को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद ससुराल पक्ष के लोग वापस चले गये. वहीं मायका पक्ष का आरोप है कि उनका बड़ा नाती ने कहा कि दादी ने मां को ग्लास में शर्बत पीने के लिये दिया था. इसके बाद ही मां उल्टी करने लगी थी.
12 साल पहले हुई थी शादी
सविता सिंह की शादी 12 साल पहले चिलगू में हुई थी. उसके दो बेटे हैं. बड़ा बेटा 12 साल का है. पति पहले काम-काज करता था, लेकिन अब शरीर ठीक नहीं होने के कारण काम नहीं कर पाता है. सास नौकरी करती है और उसी के पैसे से घर-परिवार चलता है. मायका पक्ष यह बात मानने के लिये तैयार नहीं हैं कि उसने खुद ही जहर खायी है. मायका पक्ष के लोग सविता को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का भी आरोप लगा रहे हैं.
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