LagatarDesk : पेट्रोल-डीजल और एलपीजी सिलेंडर के बाद अब दवाएं भी महंगी होने वाली है. 1 अप्रैल से पैरासिटामोल सहित 800 जरूरी दवाओं के दाम बढ़ने वाले हैं. दवाओं की कीमत में 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी होने वाली है. इसमें पैरासिटामोल, फेनोबार्बिटोन, फिनाइटोइन सोडियम, एजिथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड और मेट्रोनिडाजोल जैसी दवाएं शामिल हैं. नेशनल फार्मा प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) के मुताबिक, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में तेजी के कारण दवाइयों की कीमत बढ़ने वाली है.
एनपीपीए ने दवाओं के दामों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को दी मंजूरी
मालूम हो कि नेशनल फार्मा प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने 25 मार्च को दवाओं के दामों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. जिसके बाद 1 अप्रैल से बुखार, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, त्वचा रोग और एनीमिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं महंगी हो जायेगी.
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थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर होता है दवाइयों के दाम इजाफा
बता दें कि भारत की आवश्यक दवाओं की कीमतों में इजाफा थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर होता है. इन आवश्यक दवाइयों को खुदरा बिक्री के अलावा सरकार के कई स्वास्थ्य कार्यक्रमों और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इस्तेमाल किया जाता है.
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