Mumbai : शिवसेना का मानना है कि यूपीए पर कांग्रेस का मालिकाना हक है. यदि विपक्ष को एकजुट करना है तो इस स्थिति में बदलाव लाना होगा. यूपीए में बड़ा बदलाव करके ही भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट किया जा सकता है. बता दें कि महाराष्ट्र में कांग्रेस की मदद से सरकार चला रही शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र में यह बातें लिखी. जानकारों का कहना है कि इससे सियासी भूचाल आ सकता है.
सामना में लिखे एक लेख में कहा गया है कि यूपीए पर कांग्रेस का मालिकाना हक है. सामना में यह तब लिखा गया है कि जब मांग उठ रही है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार को यूपीए का अध्यक्ष बनाया जाये., सामना में लिखी इस बात पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया अभी नहीं आयी है. खबरों के अनुसार महाराष्ट्र सरकार में शामिल तीनों दलों के बीच अविश्वास और खींचतान बढ़ने से महाराष्ट्र कांग्रेस में असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है.
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सोनिया गांधी महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायकों से मिलेगी
बता दें कि पार्टी के दो दर्जन से अधिक विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा है. ये पार्टी अध्यक्ष को अपनी पीड़ा सुना कर आगे की राजनीति पर उनका निर्देश चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी संभवतः अप्रैल के पहले सप्ताह में महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायकों से मिल सकती हैं. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी को कई मोर्चों पर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें महाराष्ट्र और मुंबई इकाइयों में नेतृत्व, हालिया विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार और राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी शामिल है.
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सोनिया को लिखे गये पत्र पर 27 विधायकों ने हस्ताक्षर किये
जानकारी के अनुसार सोनिया को लिखे गये पत्र पर 27 विधायकों ने हस्ताक्षर किये हैं. इनमें से ज्यादातर का मानना है कि सहयोगी दलों के अलावा उनकी पार्टी के मंत्री भी उनकी उपेक्षा करते हैं. एक नेता ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से जुड़े मामलों, खासकर सोनिया गांधी की जगह संप्रग अध्यक्ष के रूप में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के प्रस्ताव ने भी कांग्रेस विधायकों को परेशान किया है.
कांग्रेस विधायक शिकायत कर रहे हैं कि चूंकि उन्हें एमवीए सरकार द्वारा पर्याप्त विकास निधि या योजनाएं नहीं दी जाती हैं. इसके चलते पार्टी की संभावना खतरे में हैं. एक नेता ने कहा कि सरकार से जुड़े मुद्दों के अलावा, विधायक और पार्टी के पदाधिकारी राज्य और मुंबई इकाइयों के नेतृत्व को लेकर चिंतित हैं.