Dhanbad : अगर मेरा बेटा दोषी है तो जेल भेज दें, ऐसे प्रताड़ित न करें. यह गुहार लगाई है एक मां ने. जिला प्रशासन के अफसरों से न्याय की गुहार लगाने वाली इस महिला का नाम है सुनीता देवी, जो धनबाद के झरिया थाने के लोदना मोड़ स्थित भागा 4 नंबर में रहती हैं. उन्होंने पुलिस के अधिकारियों पर ही लगाया है आरोप. उन्हें अपने बेटे के लिए पुलिस से ही डर सता रहा है.
इस संबंध में सुनीता देवी ने बताया कि 2019 के मार्च महीने में मेरे बेटे अमित पर हत्या का आरोप लगा था. इसके बाद उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया और लगभग 17 से 18 महीने जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट से 22 अगस्त 2020 को उसे जमानत मिली. जमानत मिलने के बाद भी पुलिस लगातार मेरे बेटे को प्रताड़ित कर रही है. कभी पूरी टीम के साथ पुलिस हमारे घर पर आ धमकती है और मेरे बेटे को जबरन घर से उठा कर थाने ले जाती है और फिर मारपीट कर उसे छोड़ देती है.
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मां ने कहा, थाने बुलाकर बेटे की पिटाई की जाती है
उन्होंने आगे बताया कि 13 जनवरी 2021 को थाने से मेरे बेटे को फोन कर कहा कि जल्दी थाने आ जाओ. फोन आने के बाद अमित थाने गया. रात 10 बजे पुलिस ने कहा कि पूछताछ चल रही है, जल्द छोड़ देंगे. इस बीच अमित का फोन भी स्विच ऑफ हो गया था. दूसरे दिन जब थाने गए तो पुलिस ने कहा अमित को बंगाल पुलिस ले गई है पूछताछ के लिए. पांच दिन बाद रात के 12 बजे थाने से मुंशी ने फोन कर कहा, अमित को ले जाइए. उसे थाने से लाने गई तो अमित की स्थिति काफी खराब थी. पुलिस ने उसे बुरी तरह से पीटा था.
उन्होंने कहा कि लगता है अपने बेटे को जेल से बाहर निकालना ही बड़ी गलती हो गई. अगर पहले पता होता कि पुलिस ऐसा करेगी तो उसे जेल से बाहर ही नहीं निकालती. उन्होंने इस मामले को लेकर वरीय पुलिस अधिकारियों से यह मांग की है कि अगर मेरा बेटा दोषी है तो उसे जेल भेज दिया जाय, नहीं तो इस मामले की सही जांच कर हमें इंसाफ मिले.
पत्नी ने कहा, प्रताड़ना के कारण पति कोई काम नहीं कर पा रहे
इस मामले को लेकर अमित की पत्नी भी जिला प्रशासन ने न्याय की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि अगर पुलिस इसी तरह मेरे पति को प्रताड़ित करेगी तो हमारे परिवार का बुरा हाल हो जाएगा. पुलिस की प्रताड़ना के कारण मेरे पति कोई काम नहीं कर पा रहे हैं. बहरहाल अब तो जिला पुलिस के वरीय अधिकारियों की जांच के बाद ही पता चलेगा कि पुलिस पर लगाए गए आरोप में कितनी सच्चाई है.
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