Ranchi/New Delhi: शनिवार को रांची मेयर और भाजपा की राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा ने नगर निगम के नगर आयुक्त मुकेश कुमार के खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, नई दिल्ली में शिकायत दर्ज करायी. साथ ही आयोग के चेयरमैन हर्ष चौहान से मुलाकात कर उन्हें इस मामले की विस्तृत जानकारी भी दी. मेयर ने उन्हें बताया कि वह आदिवासी समाज से हैं. 2014 से अब तक झारखंड प्रदेश की राजधानी रांची की मेयर हैं. इस समयावधि में उन्होंने रांची नगर निगम के कार्य क्षेत्र में कई उतार-चढ़ाव भी देखे. लेकिन रांची नगर निगम के नगर आयुक्त मुकेश कुमार स्वयं को प्रकांड विद्वान समझते हुए मेयर को प्रत्येक विषय वस्तु पर गुमराह करने की कोशिश करते रहे हैं. वे हमेशा उन्हें आदिवासी होने का अहसास दिलाते हैं. आदिवासी होने का तात्पर्य यह है कि वे मुझे कम पढ़ी-लिखी, नासमझ व असहाय समझते हैं.
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मान-सम्मान की रक्षा के लिए जाना पड़ा हाईकोर्ट
मेयर ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के चेयरमैन को यह भी बताया कि रांची नगर निगम परिषद व स्थायी समिति की बैठक में पिछले एक वर्ष (2021-22) से नगर आयुक्त मुकेश कुमार झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 में निहित प्रावधानों का उल्लंघन कर अपनी मनमानी कर रहे हैं. नगर निगम परिषद व स्थाई सामिति की बैठकों में उन्होंने मेयर की अनुमति के बिना कई ऐसे एजेंडों को शामिल किया. सिर्फ यही नहीं, जिन एजेंडों पर विरोधाभाष था, उससे संबंधित प्रशासनिक व तकनीकी बिंदुओं पर जानकारी भी मांगी गई. लेकिन अब तक मुकेश कुमार ने किसी भी एजेंडे के प्रशासनिक व तकनीकी पक्ष को स्पष्ट करते हुए कोई जवाब नहीं दिया. आशा लकड़ा ने आगे कहा की मैने अपनी जिम्मेदारियों व कर्तव्यों को निभाते हुए इस विषय पर कई बार नगर आयुक्त को पत्राचार भी किया. लेकिन अब तक किसी भी पत्र का जवाब नहीं दिया. अंततः विवश होकर अपने मान-सम्मान की रक्षा के लिए मुझे नगर आयुक्त मुकेश कुमार के आचरण के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी. उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस मामले में हाईकोर्ट से न्याय अवश्य मिलेगा.
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मेयर आशा लकड़ा ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष से अनुरोध किया कि इस मामले को संज्ञान में लेते हुए नगर आयुक्त मुकेश कुमार पर उचित कार्रवाई की जाये, ताकि आदिवासी महिला (मेयर) का मनोबल बना रहे.
आयोग ने कार्रवाई की दिया आश्वासन
मेयर ने कहा कि इस विषय पर लगभग एक घंटे तक राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के चेयरमैन के साथ बातें हुई. उन्होंने एक-एक बिंदु पर पूरी जानकारी ली और आश्वश्त किया कि जल्द ही आयोग की ओर से इस मामले पर उचित कार्रवाई की जाएगी.