New Delhi : अबू सलेम की रिहाई को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के जवाब पर सुप्रीम कोर्ट ने असंतोष जताया है. कोर्ट ने कहा है गृह सचिव की ओर से दायर हलफनामे में कुछ बातें समझ से परे हैं. सलेम की याचिका प्री मेच्योर होने की दलील को सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया है. कोर्ट ने हलफनामे की भाषा पर आपत्ति जताते हुए कहा, ये सरकार का काम नहीं है कि वो कोर्ट को बताए कि उसे क्या करना चाहिए! सरकार के अधिकारी जवाब दाखिल करने के लिए इतना वक्त ले रहे हैं. इसके बावजूद अभी तक सरकार का पक्ष साफ नहीं है.
हलफनामे में लिखे कई वाक्य अच्छे नहीं लगे
कोर्ट ने कड़े रुख में कहा, केंद्र सरकार को हलफनामे में सोच समझ कर लिखना चाहिए. हम हलफनामे में लिखे कई वाक्य अच्छे नहीं लगे. आपने एक जगह लिखा है कि आप उपयुक्त अवसर पर निर्णय लेंगे. कोर्ट ने कहा कि सरकार ये स्टैंड नहीं ले सकती है कि अबू सलेम समय से पहले रिहाई को लेकर याचिका दायर कर रहा है. एक दोषी के तौर पर सलेम का पूरा हक बनता है कि वो कोर्ट के सामने सरकार के दिए गए आश्वासन का हवाला देकर अपनी बात रखे. इस मामले में अगली सुनवाई 5 मई को होगी.
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