Ranchi: झारखंड राज्य खादी बोर्ड की तरह पर्यटन निदेशालय भी धोखाधड़ी का शिकार हुआ है. पर्यटन निदेशालय ने 20.09.2019 को झारखंड पर्यटन के प्रचार-प्रसार के लिए ब्रोचर की प्रिंटिंग और आपूर्ति का टेंडर किसी और कंपनी को दिया और इसी काम के लिए बिल का भुगतान दूसरी कंपनी को हुआ. निदेशालय ने Annapurna प्रेस एंड प्रोसेस कंपनी को 13,16,700 रुपये का कार्यादेश दिया था. इसी काम के लिए 22 सितंबर 2020 को Anapurna प्रेस एंड प्रोसेस कंपनी को 4 लाख 23 हजार रुपये का भुगतान हुआ. यानी Annapurna प्रेस एंड प्रोसेस कंपनी के जीएसटी और इनकम टैक्स रिटर्न के डॉक्यूमेंट से टेंडर हासिल किया गया, जबकि टेंडर लेने के बाद कंपनी के नाम में हेरफेर करते हुए Anapurna प्रेस एंड प्रोसेस के नाम पर भुगतान लिया गया.
Annapurna को दिया गया टेंडर, लेकिन भुगतान Anapurna को
जिस कंपनी मेसर्स अन्नपूर्णा (Anapurna) प्रेस एंड प्रोसेस को बिल का भुगतान हुआ है उसके मालिक और पार्टनर हैं गोपाल मोदी और उषा मोदी, जबकि जिस Annapurna प्रेस & प्रोसेस के डॉक्यूमेंट पर टेंडर हासिल किया गया है वह पुरानी कंपनी है, जिसके मालिक गोपाल मोदी और संजीव मोदी थे. बाद में दोनों पार्टनर अलग हो गये. यानी पर्यटन निदेशालय का एग्रीमेंट Annapurna के साथ हुआ है, न कि Anapurna के साथ.
खादी बोर्ड से भी इसी तरह हासिल किया गया टेंडर
इससे पहले खादी बोर्ड में भी Anapurna प्रेस एंड प्रोसेस कंपनी ने इसी तरह टेंडर हासिल किया था. खादी बोर्ड भी नाम में हुई हेरफेर को नहीं पकड़ सकी और Annapurna को वर्क ऑर्डर देकर Anapurna कंपनी के नाम भुगतान कर दिया. खादी बोर्ड और पर्यटन निदेशालय दोनों ही जगह कर्मचारियों और अधिकारियों ने इस गड़बड़ी पर ध्यान नहीं दिया. सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से यह कारनामा हुआ है. फिलहाल यह जांच का विषय है.
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