Ranchi: बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने शराब को लेकर एक बार फिर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में शराब के धंधे की नयी व्यवस्था 1 मई से लागू होनी थी. लेकिन 2 मई के दोपहर ढ़ाई बजे तक मैन पावर के लिये चयनित छत्तीसगढ़ की कंपनियों ने 48 करोड़ की बैंक गारंटी जमा नहीं की है. उत्पाद विभाग रोजाना 7 करोड़ राजस्व नुकसान की कीमत पर चार दिन से रेड कार्पेट बिछाकर उन कंपनियों से चिरौरी कर रहा है.
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राजस्व का चूना लगाने वाली कंपनियों पर मेहरबानी क्यों
बाबूलाल ने कहा कि शराब के गोरखधंधे में बैंक गारंटी समय पर जमा नहीं करने वाली ये वही कंपनियां हैं, जिनके साथ सांठगांठ कर उन्हें ही काम देने की तैयारी का ज़िक्र उन्होंने 19 अप्रैल को ही कर दिया था. कहा कि कायदे से समय पर बैंक गारंटी नहीं देकर राजस्व क्षति पंहुचाने वाली इन कंपनियों पर सरकार की विशेष मेहरबानी क्यों है.
19 अप्रैल को बाबूलाल ने सीएम को लिखा था पत्र
गौरतलब है कि बाबूलाल मरांडी ने 19 अप्रैल को सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कहा था कि छत्तीसगढ़ की कंपनियों को साजिश के तहत टेंडर दिया गया है. झारखंड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के माध्यम से 1 अप्रैल 2022 को प्लेसमेंट एजेंसी के चयन के लिए निविदा निकाली गई थी. 10 जोन में से 9 जोन में टेंडर पड़ने के बावजूद टेंडर रद्द कर दोबारा निकाला गया, ताकी छत्तीसगढ़ की कंपनियां मन मुताबिक लाभांश पर टेंडर भर सकें.
राजस्व के भारी नुकसान की जताई थी आशंका
बाबूलाल ने कहा कि एटू जेड इंफ्रा सर्विस लिमिटेड, प्राइम वन वर्कफोर्स प्राइवेट लिमिटेड, सुमित फैसिलिटिज लिमिटेड और इगल हंटर सॉल्यूशन लिमिटेड यह चार कंपनियां वर्तमान में छत्तीसगढ़ में प्लेसमेंट एजेंसी को सेवा दे रही हैं. ऐसी सूचना मिली है कि इन कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए उत्पाद विभाग के एक वरीय पदाधिकारी ने षड्यंत्र के तहत पुराने टेंडर को रद्द कर 18 अप्रैल को नया टेंडर निकाला था. साजिश के तहत इन्हीं चार कंपनियों को मनमाना मार्जिन देकर पूरे झारखंड में प्लेसमेंट एजेंसी का काम देने से भविष्य में राजस्व के भारी नुकसान की आशंका है.
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