chaibasa : चाईबासा सदर अस्पताल का ब्लड बैंक थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है. ब्लड बैंक पर ना केवल पश्चिम सिंहभूम के थैलेसीमिया से पीड़ित मरीज निर्भर है बल्कि सरायकेला खरसावां के मरीज भी इस ब्लड बैंक पर निर्भर है. किसी मरीज को महीने में एक बार तो किसी मरीज को महीने में दो बार उनके ब्लड ग्रुप का खून उन्हें चढ़ाया जाता है. जब कोई और भी ब्लड ग्रुप का मरीज यहां आता है तो वो भी निराश हो कर यहां से नहीं लौटते है. ब्लड बैंक ऐसे मरीजों के ब्लड ग्रुप को ध्यान में रख उनके लिए खून सुरक्षित रखते है.
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चक्रधरपुर में दूसरे स्टोरेज की तैयारी चल रही है
ब्लड बैंक में चक्रधरपुर अनुमंडल के दूरदराज क्षेत्रों से आने वाले थैलेसीमिया के मरीजों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए चक्रधरपुर में ही एक रक्तकोश को तैयार करने की योजना है जिसकी मॉनिटरिंग तो चाईबासा से होगी पर खून उन्हें चक्रधरपुर में ही मिल जाएगा. इसके लिए उन्हें चाईबासा आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. ब्लड बैंक के तकनीशियन मनोज कुमार ने बताया कि ब्लड बैंक चाईबासा थैलेसीमिया मरीजों के सर्वाइवल के लिए प्रयासरत है. स्थानीय लोगों के सहयोग से सभी लोगों को सही समय पर खून उपलब्ध कराया जाता है. यह एक बड़ी बात है. उन्होंने बताया कि पूर्व में यहां पर थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों की निर्भरता 20 से 30 हुआ करती थी. लेकिन आज इनकी संख्या 76 के करीब है. इसमें हर आयु वर्ग के लोग शामिल है. और सभी की जान बचाने की जिम्मेदारी ब्लड बैंक चाईबासा की है.