Dhanbad: गैंग्स ऑफ वासेपुर के फहीम खान और उसके पुत्र इकबाल खान को शुक्रवार, 28 मई को अदालत से बड़ी राहत मिली है. जेल में रहकर रंगदारी मांगने और फायरिंग के दो विभिन्न मामलों में अदालत ने दोनों को बाइज्जत बरी कर दिया. प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी मनोज कुमार इंदवार की अदालत ने रंगदारी के एक पुराने मामले में फहीम खान को निर्दोष करार दिया. वहीं, वासेपुर में सरेआम फायरिंग करने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार मिश्रा की अदालत ने इकबाल खान को बाइज्जत बरी किया. इन दोनों मामलों में फहीम खान और इकबाल खान की ओर से अधिवक्ता शाहबाज सलाम ने पैरवी की.
2013 में हजारीबाग जेल से रंगदारी का मामला
जिस तरह धनबाद जेल में बंद रहने के दौरान शूटर अमन सिंह पर लोगों को रंगदारी के लिए धमकाने का आरोप लगा है, ठीक ऐसी ही शिकायत नौ साल पहले गैंग्स ऑफ वासेपुर के फहीम खान के खिलाफ की गई थी. मामले में 11 दिसंबर 2013 को बैंक मोड़ के तत्कालीन थाना प्रभारी रमेश कुमार के स्वलिखित बयान पर हजारीबाग जेल मे बंद फहीम खान के विरुद्ध बैंक मोड़ थाना में कांड संख्या 274/13 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. प्राथमिकी में पुलिस ने आरोप लगाया था कि जेल में बंद फहीम ठेकेदारों एवं कारोबारियों से रंगदारी की मांग रहा है, जिस कारण कारोबारियों में दहशत है.
2016 में आरा मोड़ के समीप गोलीचालन
इधर, फहीम के बड़े बेटे इकबाल खान के विरुद्ध 26 फरवरी 2016 को बैंक मोड़ के तत्कालीन थाना प्रभारी अशोक सिंह की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. प्राथमिकी में कहा गया था कि 26 फरवरी की शाम सात बजे इकबाल खान ने वासेपुर आरा मोड़ के समीप भीड़-भाड़ वाले इलाके में छह राउंड गोली फायर की थी, जिससे वहां के स्थानीय लोगों व दुकानदारों में दहशत फैल गई थी. हालांकि दोनों ही मामले कोर्ट में साबित नहीं हो सके.
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