Rajnish Prasad
Ranchi: तीन विश्वविद्यालयों में प्रति कुलपति व कुलपति रह चुके डॉ. तपन कुमार शांडिल्य को अब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की जिम्मेवारी दी गई है। उन्हें कुलपति बनाया गया है. डॉ. शांडिल्य मूल रूप से बिहार के पटना के रहने वाले हैं. इन्होंने 1986 में भोपल विश्वविद्यालय, मध्यप्रदेश में सहायक प्राध्यापक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की. 1994 में कॉलेज ऑफ कॉमर्स में सहायक प्राध्यापक के रूप में नियुक्ति हुये. इसी कॉलेज में प्रिंसिपल भी रहे. वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में प्रति कुलपति उसके बाद कुलपति भी रहे. तिलका मांझी विश्वविद्यालय में प्रति कुलपति, नालांदा ओपन विश्वविद्यालय में कुलपति रहे.
Lagatar.in के संवाददाता से बातचीत में कुलपति ने कहा
सवाल: DSPMU 2018 में बना, स्थापित होने की राह पर ही था कि कोरोना आ गया. इन चुनौतियों को आप कैसे लेके चलेंगे और इसे कैसे स्थापित करेंगे?
डॉ. तपन कुमार शांडिल्य : कोरोना काल में शैक्षणिक संस्था ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व प्रभावित हुआ. DSPMU नया था इसके साथ भी समस्या हुई. मेरे लिए इसे स्थापित करने की चुनौती है. मैं DSPMU के विद्यार्थियों और शिक्षकों की समस्याओं से रू-ब-रू हो रहा हूं. उनकी जो भी समस्याएं है, उसे जल्द दूर कर दिया जायेगा। विश्वविद्यालय के पठन-पाठन को सुचारू रूप से चलाऊंगा. कल (शुक्रवार) विश्वविद्यालय व शिक्षकों की समस्या को लेकर राज्यपाल से भी मुलाकात की थीं.
सवाल: क्या विश्वविद्यालय में नए विषयों को जोड़ेंगे?
जवाब: हां, जरुरत पड़ा तो वोकेशनल कोर्स में विषयों को जोड़ूंगा. लेकिन रेगुलर विषयों में नया कुछ करने का प्लान नहीं है.
सवाल: लगभग दो साल तक ऑनलाइन क्लास चली, इसे आप कैसे लेते हैं.
जवाब: ऑनलाइन क्लास शत प्रतिशत ऑफलाइन क्लास का विकलप नहीं हो सकता. ऑफलाइन क्लास में शिक्षक और विद्यार्थी में आई कॉन्टैक्ट होता है. इसका कोई विकलप नहीं हो सकता. हां, ऑनलाइन में लाभ पहुंचता है, लेकिन ऑफलाइन जितना नहीं.
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